चेन्नई. साहुकारपेट जैन भवन में विराजित उपप्रवर्तक गौतममुनि ने शनिवार को सामूहिक खमतखामणा के अवसर पर कहा कि मनुष्य चाहे कितनी भी आराधना, तपस्या, तप और धर्म कर ले, लेकिन एक भी व्यक्ति के प्रति अगर मन में द्वेष की भावना रह गई तो सब व्यर्थ हो जाएगा।
कभी भी अगर किसी के लिए कोई भी गलत भावना मन से निकली हो तो उसके लिए माफी मांगने से पीछे नहीं हटना चाहिए। ऐसा करके मानव अपने जीवन को सफल बना सकता है। क्षमायाचना ऐसी चीज है जिससे टूटे हुए रिश्ते भी जुड़ सकते हैं। सागरमुनि ने कहा यह पर्व मनुष्य को उसकी गलतियों को सुधारने का मौका देता है। ऐसा मौका आने पर अपने गलतियों के लिए माफी मांग लेनी चाहिए।
इससे पहले दीक्षार्थी महिला का संघ की ओर से सम्मान किया गया। इस मौके पर संघ के अध्यक्ष आंनदमल छल्लाणी सहित अन्य लोग उपस्थित थे। मंत्री मंगलचंद खारीवाल ने संचालन किया। संघ के कोषाध्यक्ष गौतमचंद दुगड़ ने बताया कि मंगलवार को शिवमुनि की ७७वीं जन्म जयंती मनाई जाएगी।