कडलूर. पारस नाथ मंदिर में विराजित उपप्रवर्तक गौतममुनि ने कहा कि जीवन में महान कार्य करने के बाद ही दान पुण्य करने का सौभाग्य मिलता है। बहुत ही कम लोग होते हैं जिन्हें ऐसा मौका हाथ आता है। लेकिन उनमें से कुछ लोग दान और पुण्य करके जीवन को बदल लेते है। कुछ लोग इन मौको को भी खो देते है।
उन्होंने कहा कि जीवन मे जब भी कुछ अलग करने का मौका मिले तो उससे पीछे नही हटना चाहिए। एक बार मौका हाथ से गया तो वापस लौट कर नही आएगा। उन्होंने कहा कि अगर मनुष्य आज किसी के लिए कुछ अच्छा काम करेगा तो निश्चय ही आने वाला समय अच्छा ही होगा। दान को दान नही बल्कि अपना फर्ज समझ कर करना चाहिए।
मनुष्य को हमेशा अपने से छोटे और निचे के लोगों का सहायता करने के लिए आगे रहना चाहिए। अगर कोई मदद के लिए सामने आए तो उसे कभी मायूस नही करना चाहिए। सेवा के परोपकार से आगे बढऩे में मजबूती मिलती है। दुनिया का कोई भी मनुष्य पेरशान नहीं होना चाहता है। अगर कोई अपनी परेशानी लेकर सामने आता है तो उसकी मदद करें।
अगर हम जरूरतमंदों की मदद करेंगे तो वे भी आगे बढऩे लगेंगे। लोगों की मदद करनी चाहिए, क्योंकि हो सकता है कि आप जिसकी आज मदद कर रहे हो कल वे आप की भी मदद कर दे।