गरीब और जरूमंद शिक्षा प्राप्त करने वाले बालक बालिकाओं को पढ़ने और लिखने के किट दिये संस्कार महिला शाखा ने
Sagevaani.com /चैन्नई। ज्ञान की आरधना का महापर्व है ज्ञान पंचमी।शनिवार को साहुकार पेट भवन में महासती धर्मप्रभा ने ज्ञान पंचमी पर आयोजित धर्मसभा में श्रोताओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि ज्ञान आत्मा का श्रंगार है और जीवन यापन का साधन है बिना ज्ञान के मनुष्य न धन कमा सकता है और नाहि संसार से मुक्ति प्राप्त कर सकता है ज्ञान के बिना जीवन शून्य है।
संसार में ज्ञान ही एक मात्र तरिका है जिससे मनुष्य धन प्राप्त कर सकता है और आत्मा को मुक्ति, इस संसार में सबसे पवित्र और मूल्यवान कौई वस्तू है तो वह ज्ञान जिसे कौई चुरा नहींं सकता है ज्ञान को जितना मनुष्य बांटेगा उतना ही उसका ज्ञान बढ़ेगा,घटने वाला नहीं है। अपनी आत्मा को जानना है तो ज्ञान से ही वो जान सकता है बिना ज्ञान के उसे न परमात्मा मिलने वाले हैं और ना ही वह धन कमा सकता है। मनुष्य अपने ज्ञान का जितना सदउपयोग करेगा उतनी ही जीवन मे सफलता प्राप्त कर सकता है। और अपने ज्ञान को बढ़ा सकता है।
साहुकार पेट श्री संघ के कार्याध्यक्ष महावीरचंद सिसोदिया ने जानकारी देतें हुए बताया की महासती धर्मप्रभा, साध्वी स्नेहप्रभा के सानिध्य मे एस.एस.जैन संस्कार महिला शाखा की अध्यक्षा सपना ललवाणी मंत्री शीलत बेताला, सुमन कोठारी, किरण नाहर, मोनिका बेताला आदि पदाधिकारियों और मंडल की सभी बहनों और दानदाताओं के सहयोग से महिला जैन संस्कार महिला शाखा की बहनों ने जरूरत मंद गरीब शिक्षा प्राप्त करने वाले 1500 से अधिक बालक-बालिकाओं को ज्ञान दान परोपकार कार्यक्रम के तहत साहुकारपेट श्री संघ के अध्यक्ष एम.अजितराज कोठारी, महावीरचंद कोठारी, शम्भूसिंह कावडिया, भरत नाहर मंत्री सज्जनराज सुराणा तथा जैन संस्कार मंच के तारेश बेताला, दिनेश नाहर, महावीर ललवाणी, अजित कोठारी, शांति लाल लुंकड, मंगलचंद खारिवाल आदि की उपस्थिति में पढाई लिखाई के बच्चों को जैन भवन में किट वितरण किये। श्रीसंघ के पदाधिकारियों तथा बच्चों की शिक्षा के लिए धन राशि का सहयोग देने वाले सभी दानदाताओं का जैन संस्कार महिला शाखा की बहनो ने सम्मान किया गया।
प्रवक्ता सुनिल चपलोत,
श्री एस.एस.जैन संघ, साहुकारपेट, चैन्नई