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जैन धर्म में सबसे बड़ा पर्व है पर्यूषण

जैन धर्म में सबसे बड़ा पर्व है पर्यूषण

मदुरांतकम. यहां एसएस जैन संघ के तत्वावधान एवं निर्मल देरासरिया, नवरतन कोठारी एवं दिलीप डागा के सान्निध्य में संवत्सरी पर्व मनाया गया। इस मौके पर निर्मल देरासरिया ने कहा क्षमा मांगनी चाहिए, क्षमा देनी चाहिए।

जो क्रोध, अभिमान, कपट, लोभ व राग-द्वेष को शांत कर क्षमा याचना करता है उसी की आराधना सार्थक होती है। जो ऐसा नहीं करता उसकी सारी साधना आराधना निर्रथक हो जाती है। नवरतन कोठारी ने अंतरंग सूत्र के माध्यम से तप त्याग की महिमा बताई।

संघ के महामंत्री प्रफुल कुमार कोटेचा ने कहा कि जैन धर्म में सबसे बड़ा पर्व पर्यूषण पर्व संवत्सरी पर्व है। पर्वाधिकार अपने आप से मिलने का पर्व है। इस पर्व के आठ दिनों में बच्चों व महिलाओं के लिए कई प्रतियोगिताएं रखी गई।

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