साध्वी प्रमुखाश्री कनकप्रभा ने कहा कि ज्ञान का काम है प्रकाश करना| क्या उपयोगी है और क्या अनुपयोगी| अपने बारे में, जीवन के बारे में, ज्ञान के द्वारा जानकर आगे बढ़ सकते हैं| साध्वी प्रमुखाश्री ने आगे कहा कि तप काम है शोधन करना| आत्मा कर्म कर्मों के कचरे से मलिन हो जाती हैं| कचरे का ढेर जम जाता हैं| पर तप की ज्योति जलाने से शोधन होता हैं, पर वह आंशिक हैं| साथ में कचरा आने का रास्ता भी बंद करना होगा| उस का साधन हैं, संयम, संवर| संयम का प्रहरी जीवन के द्वार खडा है, तो अनपेक्षित कचरा नहीं आएगा| जीवन में संयम और अनुशासन आवश्यक हैं| संयम की चेतना जागृत हो जाए, तो आपदाएं दूर कर सुख में रह सकते हैं| अपने आप का बोध हो| संयम की चेतना से, अनुशासन की चेतना से, जीवन को सफल बनाएं|
चातुर्मास प्रवास व्यवस्था समिति के अध्यक्ष धर्मचंद लूंकड़, केवलचन्द माण्डोत आदि ने पंजाब के गवर्नर और ब्रह्मचारी संपूर्णानंद स्वामी का मोमेन्टों और साहित्य से सम्मान किया| श्री ललित दुगड़, मेघराज लुणावत, सभा मंत्री श्री विमल चिप्पड़ ने अपने भावों की अभिव्यक्ति दी| तेरापंथ महिला मंडल की बहनों ने सामूहिक गीतिका का संगान किया|
रविवार को दिक्षा महोत्सव में दीक्षा लेने वाले भाई बहनों का दोपहर को भव्य “वरघोड़ा” निकाला गया| रात्रिकालीन सत्र में “मंगलभावना समारोह” का आयोजन किया गया| सभी दीक्षार्थींयों को आचार्य श्री ने मंगल पाथेय प्रदान कर मंगल पाठ सुनाया|
तिरुपुर वासियों ने आगामी वर्धमान महोत्सव के बैनर एवं इरोड़ में अक्षय तृतीया महोत्सव के लोगो और बैनर का आचार्य श्री के सानिध्य में अनावरण किया गया| अक्षय तृतीया महोत्सव समिति के महामंत्री श्री रमेश पटवारी आचार्य श्री के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए ससंघ पधारने की विनती की| देश भर में वर्षितप की आराधना करने वाले तपस्वीयों को गुरुदेव की सन्निधि में पारणा करने हेतु इरोड़ पधारने का निवेदन किया| कार्यक्रम का शुभारंभ राष्ट्रीय गान के साथ हुआ| कुशल संचालन मुनि श्री दिनेश कुमार ने किया|