विल्लुपुरम. यहां क्षत्रिय घांची समाज भवन में विराजित संत राम रतन राम द्वारा पाटवा मादलिया पुल्लू द्वारा चतुर्मास का आयोजन चल रहा है। पुष्करराज शास्त्री ने बताया कि प्रतिदिन भक्तमाला सोनाक्षी का आयोजन और रात्रि भजन संध्या होती है।
इस अवसर पर संत राम रतन ने कहा कि मनुष्य जीवन अनमोल हैं और इस जीवन में प्राणी को ज्ञान द्वारा पहचान बनानी चाहिए। जीवन जीने के लिए शास्त्रों में कई तरीके बताए हैं। जीवन में धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष, ये चारों पुरुषार्थ जीवन को सफल बनाते हैं। धर्म से सात प्रकार से शुद्धिकरण होता है।
अर्थ को पांच प्रकार से प्राप्त किया जाता है। काम को 10 इंद्रियों से दमन किया जाता है। मोक्ष प्राप्त करने के लिए 8 प्रकार की प्रकृति या योनि बताई गई है। इस प्रकार प्राणी अपने जीवन को इस लोक और परलोक में अच्छी तरह से जी सकता है।
जीव मनुष्य योनि पाकर अपने और पराए का ज्ञान कर सकता है और मनुष्य योनि में ही मोक्ष की प्राप्ति कर सकता है। दूसरी किसी योनि में मोक्ष की प्राप्ति नहीं हो पाती हैं ।