चेन्नई. जीवन का सच्चा लाभ उठाने के लिए परमात्मा की भक्ति का लाभ ले लेना चाहिए। पुण्य से मिली चीजों को गंवाने के बजाय उनका पूरा लाभ लेने को तत्पर रहना चाहिए। छोटे बच्चों में जब लगन होती है तो वे धर्म के क्षेत्र में बहुत आगे निकल जाते हैं। इस लिए बचपन से ही बच्चों को धर्म संस्कारों से भावित करना चाहिए।
साहुकारपेट जैन भवन में विराजित उपप्रवर्तक गौतममुनि ने कहा गुरु चरणों में बैठ कर परमात्मा की वाणी का लाभ लेना चाहिए। भाग्यशाली लोगों को ही गुरुवाणी सुनने का मौका मिलता है। भाव प्रकट कर वाणी का अनुसरण करने से जीवन में नया मार्ग खुलता है। इससे मनुष्य के कर्मों की निर्जरा के साथ मन को शांति मिलती है। ऐसा मौका मिलने पर तत्पर होकर जीवन को आगे बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए। ऐसा करने से मनुष्य का जीवन ऊंचाई पर पहुंच जाता है।
सागरमुनि ने कहा धर्म रूपी लोक में परमात्मा ने प्रकाश कर प्रत्येक जीव पर अनंत उपकार किया है। जीवन में आचरण के महत्व से ज्यादा समझ का महत्व होता है। आगे बढऩे के लिए मनुष्य को समझ लेनी होती है और जीवन से क्रोध, मोह, माया और लोभ को दूर करने का प्रयास करना चाहिए। अगर ऐसा नहीं किया तो पाप बढ़ेगा और नरक का द्वार खुलता चला जाएगा।
पाप के मार्ग से बचने के लिए धर्माराधना करनी होती है। परमात्मा की वाणी एक कान से सुनकर दूसरे कान से निकाली तो उसका लाभ नहीं मिलेगा। उसे अपने आचरण में उतारना चाहिए। धर्मसभा में संघ अध्यक्ष आनंदमल छल्लाणी एवं अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे। संचालन पंकज कोठारी ने किया। कोषाध्यक्ष गौतम दुगड़ ने बताया कि शुक्रवार को संघ द्वारा सेंट्रल स्थित जीएच सरकारी हॉस्पिटल में ३ हजार लोगों में अन्नदान किया जाएगा।