श्रमण संघीय जैन दीवाकरीया मालव ससंहनी पू. गुरूनी श्री कमलावती जी म.सा. की सूसिष्या अनुष्ठान आरासिका साध्वी डॉ. श्री कुमुदलताजी म.सा. ने कहा जींदगी हर पल इंसान का इंतिहान लेती है।
जो व्यक्ति इस इंतिहान को पास कर जाता है वही स्वयं को सफल साबित करता है। उन्होंने कहा दुुःख जीवन का सत्य है, सुख और दुख एक ही सिक्के के दो पहलु है।
दुख के बिना व्यक्ति को सुख का महत्व मालूम नहीं पड़ता। जींदगी में सुख तो पैसे के बल पर पाया जा सकता है परंतु दुुःख पैसे देने से भी नही मिटता।
सुख की अपेक्षा दुुःख ज्यादा सकारात्मक होता है। यह व्यक्ति को धैर्यवान बनाता है।
उनके साथ इस मौके पर स्वरसामग्री साध्वी श्री महाप्रज्ञाजी म.सा. साध्वी डॉ. श्री पद्माकीर्तीजी म.सा. साध्वी श्री राजकीसतिम.सा. उपस्थ्ति थी।