नागदा जं. निप्र- महासति दिव्यज्योतिजी म.सा. ने कहा कि प्रेम,धन,यश ये तीनो देवदूत है हमें किसको बुलाना है कोई कहे प्रेम को,कोई कहे धन को तो कोई कहे यश को। महापुरूष कहते है कि प्रेम को बुला लो तो धन और यश अपने आप चले आयेंगे। क्योंकि जिस घर में प्रेम होता है वो ही घर स्वर्ग के समान होता है भाई -भाई , देरानी-जेठानी, सासू मां बहु रानी में यदि आपसी प्रेम होगा तो ही वो घर धन धान्य समृद्धि से भरा होगा जिस घर में धन को ही तवज्जो दी जाती है और प्रेम नहीं है तो वो घर शमशान (नर्क) से कम नहीं राम, लक्ष्मण, भरत शत्रुघ्न का प्रेम एक उदाहरण हैं। आज पूज्य काव्याश्रीजी एवं नाव्याश्रीजी द्वारा बहुत ही सुंदर गीत के रूप में पूरी रामायण कथा का सार सुनाया गया जैसा कि रामायण में लव कुश द्वारा श्री राम दरबार में सुनाया गया था।
जन्म वाचन के दिन महासति ठाणा 6 ने विभिन्न रूपो में मंचन करने वालो को आशीर्वाद प्रदान किया जिसमें गज सीमा निलेश लुणावत, वृषभ रशिला राजेन्द्र कांठेड, सिंह प्रीति कमल सिसोदिया, लक्ष्मी मंजु पुखराज कोलन, पुष्पमाला नमिता दिलीप कांठेड, चन्द्र संगीता सुनील सकलेचा, सूर्य निधी प्रशान्त नाहर, ध्वजा निर्मला अशोक कोलन, कुंभ कलश सरोज सतीश लुणावत, पदम सरोवर शशि संजय गोखरू, क्षीर समुद्र श्वेता कमल नयन चपलोत, देव विमान संगीता श्रेणीक बम, रत्न राशि रेखा मुकेश धोका, निर्घुम अग्नि प्रेमलता बहन सारिका राजा कर्नावट सहित 8 बालीकाओ को सुन्दर प्रस्तुति पर आशीर्वाद दिया जिसमें कुमारी रिद्धि वैभव कांठेड़, चहेति नितिन बुडावनवाला, दिप्ति हितेश कांठेड, स्वरा राठौड, नंदनी इतिश्री चपलोत, विनीशा चपलोत, सौम्या चपलोत महासति मण्डल ने बहुत-बहुत आशीर्वाद प्रदान किया।
मीडिया प्रभारी महेन्द्र कांठेड़ एवं नितिन बुडावनवाला ने बताया कि नगर का धार्मिक एवं सेवाभावी परिवार ने तीन जगह लाभार्थी बनकर चन्द्रप्रकाश सीमा कांठेड एवं दिलीप नमीता कांठेड ने सर्वप्रथम बाहर से पधारे गुरूभक्तो के अतिथि सत्कार किया एवं प्रवचन की धार्मिक प्रभावना एवं सपने का लाभार्थी बनकर धर्मलाभ लिया। तेले की लड़ी रसीला कांठेड की थी, जाप की प्रभावना का लाभ गंभीरमल रतनबाई पावेचा ने लिया। संचालन अरविंद नाहर ने किया एवं आभार श्रीसंघ अध्यक्ष प्रकाशचन्द्र जैन लुणावत एवं चातुर्मास अध्यक्ष सतीश जैन सांवेरवाला ने माना।
दिनांक 30/08/2022
मीडिया प्रभारी
महेन्द्र कांठेड
नितिन बुडावनवाला