चेन्नई. कोडमबाक्कम-वड़पलनी जैन भवन में विराजित साध्वी सुमित्रा ने कहा मनुष्य अपने मस्तिष्क को जितना शांत रखेगा उसका शरीर उतना ही प्रसन्न होता जाएगा। तप के बाद जो आनंद आता है उसका व्याख्या करना आसान नहीं है।
इसको करने के बाद शरीर पूरी तरह से ऊर्जावान हो जाता है। इसके लिए सच्चे मन और लगन से तप करना चाहिए। जो मनुष्य जितना तपेगा उसे उतना आनंद और प्रसन्ता की अनुभूति होगी। इससे भटकती आत्मा को शांत किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि परमात्मा के अनंत कृपा को याद करते हुवे सभी को भक्ति में भाव विभोर हो जाना चाहिए। सच्ची भक्ति से जीवन के सभी सुख अपने आप ही पास आ जाएंगे। वर्तमान में खुश वही है जो मन पर नियंत्रण करना जनता है।
संसार का कोई भी कार्य नहीं रुक सकता है अगर मानव लगन से उस पर ध्यान केंद्रित करें। लोग ध्यान पर नियंत्रण नहीं कर पाते और विफल होने पर किस्मत और दूसरो को दोष देते हैं। जबकि उनके विफलता का कारण वे स्वयं होते हैं।
जिस दिन लोग अपने विफलता का कारण स्वयम को मान लेंगे वे सफल हो जाएंगे। इस दौरान वर्ष 2020 का चतुर्मास हैदराबाद के बोलारम संघ के चेयरमैन गौतमचंद लोढ़ा, अध्यक्ष प्रदीप सुराणा एवं अशोक मुथा ने साध्वी जी को विनती किए । संचालन मंत्री देवीचंद बरलोटा ने किए।