रायपुरम जैन भवन में जयतिलक जी मरासा ने बताया कि प्रसंग कल चल रहा था गढ सिवाना का जहाँ प्रेतात्मा का प्रतिबोध दिया! और सेवा में रहने का संकल्प किया। गाँव वासी सबेरे देखने आये कि मुनिराज का क्या हाल हुआ? गांववासी अचंभित हो गये यह क्या मुनिराज तो जीवित है! यतियो का प्रहार निष्फल हुआ! ‘सेर पर सवा सेर। यतियों पर जयमल जी भारी पडे। गाँव में यहीं चर्चा होने लगी। गाँव वासी सेवा में पहुँचे। जैन सन्त चमाकार नहीं करते है जहाँ सच्चा धर्म है वही चमत्कार अपने आप हो जाता है। यहाँ तक की देवता भी धर्म की शरण में आते है। तीन तत्व पर जोर दिया है देव, गुरु, धर्म । इन तीन तत्वों पर श्रद्धा रखने से ही धर्म होता है! धर्म का मूल श्रध्दा है। आगम में 5 द्रव्य, देव, भव्य देव, नरदेव, धर्म देव, देवाधिदेव ! बताये है।
द्रव्य देव – देवलोक के देव, भव्य देव – भविष्य में बनने वाले, देव, नरदेव – चक्रवर्ती, वसुदेव, धर्मदेव- साधु साध्वी, आचार्य, उपाध्याय, देवाधिदेव – तीर्थकर, अरिहंत भगवान जिनके चरणों में सभी देव नतमस्तक होते हैं। वास्तव में देव अरिहंत और सिद्ध है। तीनो काल को देखते जानते है! जीवों को प्रतिबोध देते है। किसी पर राग द्वेष नहीं रखते है! ऐसे हमारे सुदेव है। सामान्य देव -लक्ष्मी, सरवती, गणेश जी आदि। कुदेव जिनके सामने बलि चढ़ती है। यह सारे लोकपाल देव है जो देवाधिदेव की शरण में जाते हैं। सुगुरु – पंच महाव्रत धारी, 5 इन्र्दियों को जीते, 5 समिति, गुप्ति को धारण करे उन्हें सुगुरू कहते है।
कुगुरू – जो पापाचार का सेवन करते हैं और पापाचार का उपदेश देते हैं। धर्म के तीन लक्षण अहिंसा, दयापालना, संयम – 17 प्रकार के, 12 प्रकार के तप ऐसे गुणों को धारण करने वाले सुगुरू है! सामान्य गुरु:- माता पिता, गुरु जो हमारे उपकारी है हर समय उनका उपकार मानना, व्यावहारिक ज्ञान देते हैं।
धारयति धर्म” :-दुर्गति में जाते हुए जीव को बचाता है वह धर्म है ! कुधर्म का त्याग करो।
जयमलजी म.सा ने उस सभा में सत्य धर्म का निरुपण किया । उपदेश दिया! उपस्थित लोगों ने मिथ्या धर्म को छोड़कर सत्य धर्म को अंगीकार किया।
संचालन करते हुए ज्ञानचंद कोठारी ने बताया कि 23 सीतम्बर शुक्रवार को जैन भवन रायपुरम में ज्ञान युवक मंडल, द्वारा एडवांस्ड मास्टर साउंड थेरेपिस्ट श्रीमती पूजा दुगड द्वारा ध्वनि उपचार शक्ति से साउंड हीलिंग कार्यक्रम का आयोजन दोपहर 2 से 4 बजे तक होगा। जिसके लिए मण्डल के सदस्यों के पास पंजीकरण कराना अनिवार्य है।