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ज्ञान वाणी

चातुर्मास काल में होगी, नव इतिहास की सृजना

चातुर्मास काल में होगी, नव इतिहास की सृजना

नव प्रभात की प्रथम भोर ने जैसे ही माधावरम् स्थित जैन तेरापंथ नगर में अपनी किरणें बिखेरी, तो *प्रकृति के साथ जन मानस भी आनन्दित, प्रफुल्लित हुआ|* जहां कई लोग एक अविस्मरणीय, अकल्पनीय दृश्य को देख अपने आपको सौभाग्यशाली मान रहे थे, तो कईयों के आँखों में प्रसन्नता के आंसु की धारा बह रही थी|

अवसर था, जब तेरापंथ धर्मसंघ के एकादशम अधिशास्ता आचार्य श्री महाश्रमणजी ने एक पुरे परिवार को *11 नवम्बर को आयोजित दीक्षा महोत्सव में दीक्षा देने का आदेश फरमाया और सभी को प्रतिक्रमण सिखने का आदेश फरमाया|

सोमवार धन तेरस की सुबह जहां  गृहस्थ लोग भौतिक धन की पूजा करते हैं, कामना करते हैं|*

वहीं एक संयुक्त परिवार ने अपनी मातुश्री, भाइयों और संगे सम्बन्धियों से अनुमति लेकर मुसालिया निवासी, चेन्नई प्रवासी श्री अशोक कुमार बोहरा ने स्वयं, अपनी धर्मपत्नी, पुत्र और पुत्री सहित आचार्य प्रवर से *संघ में दीक्षित होकर आध्यात्मिक धन* प्राप्त करने हेतु निवेदन किया|

प्रवास व्यवस्था समिति के अध्यक्ष श्री धरमचन्द लूंकड़ ने भी गुरूदेव से संकल संघ की ओर से दीक्षा देने का निवेदन किया|

सभी दीक्षार्थीयों से लिखित में निवेदन प्राप्त होने के बाद, मौखिक में स्वीकृति प्राप्त की| परिवार वालों की भी अनुमति के पश्चात आचार्य प्रवर ने भगवान महावीर, तेरापंथ के उत्तरवर्तीय आचार्यों का स्मरण कर, साध्वी प्रमुखाश्री कनकप्रभा का अभिवादन कर चेन्नई में आयोजित आगामी 11-11-2018 को दीक्षा महोत्सव में श्री अशोक बोहरा, और श्री कुलदीप बोहरा को मुनि दीक्षा और श्रीमती पुष्पलता एवं सुश्री कोमल को समणी दीक्षा के तत्काल बाद साध्वी दीक्षा देने का आदेश फरमाया|

गुरूदेव के इस आदेश के साथ ही जहाँ चारों के जीवन में, नव सूर्य का उदय हुआ|* वहीं उपस्थित जनमानस हर्षोल्लास के साथ प्रसन्नचित्त, प्रफुल्लित हुआ| पुरा वातावरण *ऊँ अर्हम्* की ध्वनि के साथ गुंजायमान हुआ|

ज्ञातव्य हो कि श्री अशोकजी की सुपुत्री *साध्वीश्री सिद्धार्थप्रभाजी* पहले ही धर्मसंघ में दीक्षित हैं, अपनी साधना, आराधना कर रही हैं| इस प्रकार आचार्य श्री महाश्रमण के *शासन काल में पुरे परिवार के दीक्षित होने का नव इतिहास का सृजन होगा|

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यह चेन्नई के इतिहास का दूसरा अवसर है कि तेरापंथ धर्मसंघ में पुरा का पुरा परिवार दीक्षित हो रहा हैं| इससे पूर्व सन् 2003 में परम श्रद्धेय *आचार्य श्री महाप्रज्ञजी के कर कमलों से सूरत में इसी पल्लावरम्, चेन्नई के पूरा परिवार मुनि श्री अजयप्रकाश, साध्वी श्री नीतिप्रभा और साध्वी श्री तन्मयप्रभा*ने दीक्षा ग्रहण की थी|

  *✍ प्रचार प्रसार विभाग*
*आचार्य श्री महाश्रमण चातुर्मास प्रवास व्यवस्था समिति, चेन्नई*

स्वरूप  चन्द  दाँती
विभागाध्यक्ष  :  प्रचार – प्रसार
आचार्य श्री महाश्रमण चातुर्मास व्यवस्था समिति

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