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ग्रोथ के लिए नई सोच, नये चिन्तन की बने अवधारण – मुनि मोहजीतकुमार

ग्रोथ के लिए नई सोच, नये चिन्तन की बने अवधारण – मुनि मोहजीतकुमार

थिंक डिफरेंट वर्कशॉप के प्रथम चरण का हुआ आयोजन

चेन्नई: मुनिश्री मोहजीतकुमारजी ठाणा 3 के सान्निध्य में तेरापंथ सभा, किलपाॅक, चेन्नई के तत्वावधान में प्रिंस गेलड़ा गार्डन में रविवार को थिंक डिफरेंट वर्कशॉप के प्रथम चरण में ‘विकास की सौगात, प्रकटे नव प्रभात’ कार्यशाला का आयोजन किया गया।

 नमस्कार महामंत्र समुच्चारण से शुभारम्भ कार्यशाला में मुनि भव्यकुमार ने मंगलाचरण संगीत का संगान किया। धर्मपरिषद् को सम्बोधित करते हुए मुनिश्री मोहजीतकुमारजी ने कहा कि संसार के अनन्त आकाश को देखने के लिए धरती से आगे बढ़ना होगा। नर्सरी का पौधा सीमित सीमा में रहता है, वही जंगल का पौधा सीमातीत विकास को पा सकता है। वह आंधी-तूफान में खड़े रहने के लिए अपनी जड़ो को बढ़ता जाता और वह बड़ा बनकर अधिक वर्षों तक खड़ा रहता हुआ, फल- फूल देता रहता है। उसी तरह व्यक्ति को अपने व्यक्तिगत विकास के साथ पारिवारिक, सामाजिक, आर्थिक व आध्यात्मिक विकास के लिए नई सोच, नये चिन्तन की अवधारणाओं को बढ़ना चाहिए। नवीनता के लिए अतीत की स्मृतियों को साथ लेकर ग्रोथ को पाया जा सकता है। विकास के लिए संवेगों पर अंकुश, सहिष्णुता- सामंजस्य को बढ़ाना, करुणा की चेतना को जागृत कर ही सत्य के सत्व को प्राप्त किया जा सकता है।

 मुनिप्रवर ने आगे कहा कि तेरापंथ धर्मसंघ के आचार्यों ने समय के साथ परिवर्तन करते हुए संघ को नवीन विकास के पायदानों पर बनाये रखा है।

 _¤ अपनी शक्ति, शांति को सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ाएं_

 विषय पर विशेष प्रस्तुति देते हुए विकास शब्द का विश्लेषण करते मुनि जयेशकुमार ने कहा कि वि यानि विवेक हमारे हर कार्य के साथ विवेक जुडा हो। हमारा सहयोगी, सहभागी, मित्र विवेकशील होना ही चाहिए। उसकी कुछेक बाते हमे कटु लग सकती है, पर वे हमें प्रेरणा देते हैं, सद्बुद्धि देते हैं, संबोध देते हैं।

 का यानि काल- भगवान महावीर ने कहा ‘काले कालम समायरे’ अर्थात जिस कार्य का जो समय निर्धारित है, उसी समय में वो कार्य करने पर हम निष्पत्ति को प्राप्त कर सकते हैं। काल सबसे मूल्यवान है, अतः हर क्षण का प्रायोरिटी के साथ में उपयोग करना चाहिए।

 स यानि सकारात्मक दृष्टिकोण- हमारी एनर्जी को सही जगह संरक्षित रखना चाहिए। दूसरों को खुश करने की अपेक्षा, स्वयं अपने आप को पॉजिटिव वेय में रखकर आगे बढ़ना चाहिए। अपनी शक्ति, शांति को सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ाएं।

किलपाॅक सभा मंत्री विजय सुराणा, विजयराज कटारिया ने भी अपने विचार व्यक्त किए। उपरोक्त जानकारी स्वरूप चन्द दाँती ने प्रदान की।

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