चेन्नई. साहुकारपेट के जैन भवन में चातुर्मासार्थ विराजित साध्वी सिद्धिसुधा के सानिध्य में मंगलवार को गुरु पूर्णिमा पर महावीरचंद आदेश कुमार सूरज बोहरा के सहयोग से अनुष्ठान हुआ। साध्वी ने कहा मनुष्य के जीवन में गुरु भगवंतों की अलग भूमिका होती है भले ही जन्म माता के कोख से हुआ हो लेकिन उसे जीवन जीने की कला गुरु सिखाते हैं।
गुरु पूर्णिमा का पर्व गुरु भगवंतों के उपकारों को याद करने के लिए है। मनुष्य को सही मार्ग का बोध कराने वाले गुरु होते है। गुरु के दिखाए मार्ग का अनुसरण कर जीवन बदला जा सकता है। जिनशासन के लिए यह सबसे महान पर्व है। इससे सभी को जीवन में बदलाव लाने की कोशिश करनी चाहिए। साध्वी सुविधि ने कहा मनुष्य से गुरु ज्ञान के बदले में कुछ नहीं मांगते।
गुरु पुर्णिमा का दिन शिष्य को गुरु को देने का दिन होता है। इस मानव भव में गुरु के ज्ञान से ही अच्छे मार्ग पर चलने का मौका मिलता है। इसलिए सभी को अपने गुरुओं के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करनी चाहिए। गुरु दुनिया में हो या न हो लेकिन उनका आशीर्वाद हमेशा शिष्यों के साथ होता है। जब गुरु ने अपने शिष्यों के लिए इतना किया है तो शिष्यों को भी उनके प्रति समर्पण दिखाना चाहिए।
गुरु भगवंत ही इंसान को सही मायने में इंसान बनना ािखाते हंै। सब करना आसान है लेकिन वीर के साथ साथ महावीर बनना संभव नहीं है। गुरु गौतमस्वामी है जिनकी वजह से हम लोग जिनवाणी समझ पाते हैं। गुरु सुदर्मासामी है जिन्होंने भगवान के मार्गो पर चलना सिखाया। साध्वी समितिइने भी गुरु के महत्व पर प्रकाश डाला।
बोहरा परिवार का अभिनंदन किया गया। इस मौके पर संघ अध्यक्ष आनंदमल छल्लाणी, निर्मल मरलेचा, मंगलचंद खारीवाल, किशनलाल खाबिया, बाबू लाल भंसाली समेत अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे।