चेन्नई. ताम्बरम जैन स्थानक में विराजित साध्वी धर्मलता ने कहा कि आज का दिन है धनतेरस का । आप सब धन को धोयेंगे पर धन को धोने से धन नहीं मिलेगा। अपने हृदय के द्वार खोलकर यदि गरीबों के आंसू पोछोगे तो धन का सदुपयोग होगा और धन भी मिल सकता है।
आंगन में तरह तरह की रांगोली बनाने के बदले आत्मा में दान,शील,तप के रंग भरो। आज का दिन महावीर के आहार का अंतिम दिन है। भरत चक्रवर्ती को आज के दिन तीन बधाइयां मिली थी। पहली चक्ररत् न का आयुधशाला में प्रवेश। दूसरी पटरानी ने पुत्र को जन्म दिया। तीसरी प्रभु को कैवल्य की प्राप्ति हुई।
श्रमण संघ के तीसरे आचार्य के जीवन पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि जीवनलाल बराडिय़ा के यहां तीजा बाई की गोद में उनका जन्म हुआ। आप स्वभाव से विनम्र, मधुर ,सरल, व्यवहारकुशल, गुणानुरागी और प्रसन्नचित्त रहने वाले थे। मात्र 9 साल की उम्र में उन्होंने पुष्कर मुनि के सान्निध्य में खंडप गांव में संयम अंगीकार किया। साहित्य के क्षेत्र में 400 पुस्तकों का प्रकाशन संघ के लिए देन है।