Share This Post

Featured News / ज्ञान वाणी

केवल परमात्मा ही तारक तत्व: आचार्य तीर्थभद्र सूरीश्वर

केवल परमात्मा ही तारक तत्व: आचार्य तीर्थभद्र सूरीश्वर
चेन्नई. किलपॉक में चातुर्मासार्थ विराजित आचार्य तीर्थभद्र सूरीश्वर ने कहा संसार में चार मंगल तत्व होते हैं- अरिहंत मंगल, सिद्धा मंगल, साहू मंगल व केवली भगवंत द्वारा की गई धर्म की प्रारूपणा। उन्होंने अरिहंत मंगल के बारे में बताया कि सभी जीवों के कल्याण की भावना हमारे हृदय में प्रकट हो जाए तो हमारा मंगल होगा।
अहम की भावना जिसके हृदय में होगी उसका कभी मंगल नहीं होगा।  सिद्ध भगवत सर्वकर्म रहित हैं इसलिए मंगलमयी हैं। साधु इसलिए मंगलमयी हैं क्योंकि उनके हृदय में जगत के सभी जीवों प्रति हित की भावना है। साधु का उपसर्ग आने पर भी उनके हृदय में किसी के प्रति अहित की भावना नहीं आती।
केवल प्रारूपित धर्म के बारे में उन्होंने कहा जगत के सभी प्राणी स्वयं का मंगल चाहते हैं लेकिन वे अपनी आत्मा का मंगल नहीं करेंगे तब तक स्वयं का मंगल नहीं हो सकता। मंगल तत्वों का स्पर्श आत्मा से हो जाए तो जीवन का कल्याण हो जाता है। परमात्मा ही तारक तत्व है। संसार में सुख वैभव होते हुए भी कोई सुरक्षित नहीं है।
केवल परमात्मा की शरण में जाने पर ही हम सुरक्षित हैं। मुनि तीर्थबोधि विजय की लगातार ४७ से ५०वीं वर्धमान तप की ओली का पारणा बुधवार को होगा।

Share This Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may use these HTML tags and attributes: <a href="" title=""> <abbr title=""> <acronym title=""> <b> <blockquote cite=""> <cite> <code> <del datetime=""> <em> <i> <q cite=""> <s> <strike> <strong>

Skip to toolbar