चेन्नई. ताम्बरम जैन स्थानक में विराजित साध्वी धर्मलता ने कहा परमात्मा से संबंध जोडऩा है तो पूंजी ऐसी प्राप्त करो जो पाने के बाद खोनी नहीं पड़े। दुनिया की हर वस्तु प्राप्ति के बाद नष्ट हो जाती है लेकिन केवलज्ञान रूपी पूंजी ऐसी है जो कभी नहीं खोती। पद ऐसा प्राप्त करो जहां से कभी हटना नहीं पड़े।
दुनिया के तमाम पदों का कार्यकाल खत्म होने पर छोडऩा पड़ता है और भूतपूर्व शब्द जुड़ जाता है सिद्धों का एक पद ऐसा है जो पाने के बाद कभी छूटता नहीं। यदि हमने केवल ज्ञान रूपी पूंजी और सिद्ध रूपी पद पा लिया तो जीवन प्रतिष्ठा से जगमगा जाएगा। साध्वी ने कहा रासायनिक परिवर्तन स्थायी और भौतिक परिवर्तन अस्थायी होता है।
स्थायी परिवर्तन मात्र मानव भव में होता है जबकि अन्य गतियों में केवल अस्थायी परिवर्तन होता है। साध्वी सुप्रतिभाश्री ने हिम्मत नहीं हारने और प्रसन्नता से जीवन व्यतीत करने का संदेश दिया। साध्वी अपूर्वाश्री ने कहा जीवन में छोटा-सा क्षण भी निमित्त बनकर वैराग्य का कारण बन जाता है। जहां एक है वहां संघर्ष नहीं है और जहां अनेक हैं वहीं कलह कारण बनता है। खेमचंद बोहरा ने आगामी कार्यक्रमों की जानकारी दी।