कीकरवालारूपा में देवी भागवत कथा में ज्वलंत शक्तिमय पतित पावन तीर्थ के हो रहे नित्य चमत्कारी प्रसंग–अनुभव
विश्वस्तरीय काशी में अष्ट दिवसीय 9 नवम्बर से भैरवाष्टमी महापर्व–भंडारे हेतु देश और दुनिया भर में उत्साह का माहौल
कृष्णगिरी। शक्तिमय पतित पावन विश्व प्रसिद्ध तीर्थ धाम श्रीपार्श्व पद्मावती शक्तिपीठ कृष्णगिरी कलयुग में भी ऐसा चमत्कारिक स्थान है, जहां स्वयं श्री आदिशक्ति जगतजननी राजराजेश्वरी देवी मां पद्मावतीजी विराजित है। जो श्रद्धा, भक्ति से इस चमत्कारिणी नागराणी के समक्ष शीश नवाता है उसके समस्त दुख, संकटों का अंत कर उसे अनंत सुख संपदा मां पद्मावतीजी प्रदान करती है। यह कहा, श्रीकृष्णगिरी शक्तिपीठाधीपति, राष्ट्रसंत, आध्यात्म योगीराज परम पूज्य गुरुदेव श्रीजी डॉ वसंतविजयजी महाराज साहेब ने। वे पंजाब में फाजिल्का जिले के कीकरवालारूपा में पहली बार आयोजित नौ दिवसीय श्रीमद् देवी भागवत महापुराण के छठे दिन देवी मां के प्रिय शुक्रवार, पंचमी तिथि विशेष दिवस पर अपने अमृतमयी प्रवचन में बोल रहे थे।
स्थान के महत्व पर प्रकाश डालते हुए साधना के शिखर पुरुष डॉक्टर वसंतविजयजी महाराज साहब ने कहा कि व्यक्ति किसी उद्देश्य से कहीं भी जाए स्थान श्रेष्ठ होना चाहिए, स्थान श्रेष्ठ होगा तो परिणाम भी अवश्य सुखद प्राप्त होगा। संतों की श्रेष्ठ वाणी के भाव व्यक्ति में श्रेष्ठता लाते हैं। गुणों व गुणों के संस्कारों की तारीफ करने की सीख देते हुए उन्होंने कहा कि दुखी व्यक्ति आज इसलिए दुखी है क्योंकि उसे दैविक शक्तियों का एहसास नहीं है और सुखी परिवार इसलिए सुखी है क्योंकि उन्हें अपने सुखी होने का देवता की कृपा का भरोसा है। देवी मां पद्मावतीजी की कथा का संगीतमय भजनों के साथ वाचन करते हुए वे बोले, मां ने अपनी भक्त रुकमावती को दर्शन देकर रानियों की रानी बनाया था, ऐसे ही श्रद्धामय विश्वास से मां ने अपने करोड़ों भक्तों को समृद्धि के मार्ग पर बढाकर सम्पन्न बनाया है। जरूरत मां को पूर्ण विश्वास से मानने की है। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि शुक्रवार उत्पत्ति का दिन है। हर धर्म में शुक्रवार की विशेष महत्ता है।
शुक्रवार के दिन की गई पूजा, भक्ति, साधना व भजन से देवी मां पद्मावतीजी सहित अनेक देवी देवता भी प्रसन्न होकर अपनी कृपा बरसाते हैं। सर्वधर्म दिवाकर संतश्रीजी ने प्रसंगवश मय उदाहरण के कहा कि शुक्रवार व्यक्ति के जीवन के निर्माण–नियति का पवित्र दिन भी है। यह प्रकृति भी एक नीयति से ही संचालित होती है। कार्यक्रम में शाम के सत्र में मां पद्मावतीजी और भैरव देव की प्रसन्नता के लिए विराट हवन–यज्ञ अनुष्ठान में चिदंबरम नटराज मंदिर के 11 विप्र पंडितों द्वारा पूज्य गुरुदेवश्रीजी के सानिध्य में आहुतियां दी जा रही है। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण यूट्यूब चैनल थॉट योगा पर लाइव प्रसारित किया जा रहा है। अनेक झांकियों की भी कलाकारों द्वारा प्रस्तुति दी गई।
काशी में आगामी भैरवाष्टमी महापर्व का देश–दुनिया भर में उत्साह..
राष्ट्रसंत डॉक्टर वसंतविजयजी महाराज साहब द्वारा आगामी 9 से 16 नवंबर तक यूपी के काशी नगरी (वाराणसी) में भैरवाष्टमी महापर्व के आयोजन की घोषणा के साथ ही देश और दुनिया भर में उत्साह का माहौल बन गया है। आयोजन के विशाल भंडारे प्रसाद एवं पूजन भक्ति हेतु विभिन्न प्रकार से सहयोग प्रदान किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि पूज्य गुरुदेवजी की निश्रा में अष्टभैरवजी प्रतिष्ठापना के साथ एक लाख आठ हज़ार भैरव मूर्तियों का भव्य निर्माण होगा। 1,08,000 पुष्प तो इतने ही दीपों, 1,08,000 इमरती भोग नैवेद्य से भैरव देव को प्रसन्न कर देश और दुनिया की खुशहाली की कामना की जाएगी।
इस दौरान 8 दिनों तक मंत्र शिरोमणि संतश्रीजी डॉ वसंतविजयजी महाराज द्वारा स्वयं 8 दिनों में आठ सिद्धियों से पूजित विशिष्ट यंत्र आगंतुक पंजीकृत श्रद्धालुओं को सदा सुख समृद्धि के लिए प्रदान किया जाएगा। आयोजन में शामिल होने के लिए पंजीयन हेतु 90513 90513 पर संपर्क करके काशी पहुंचा जा सकता है।