चिदम्बरम. मायावरम जैन स्थानक में विराजित उपप्रवर्तक विनयमुनि ने कहा कि मनुष्य को किसी बात पर कभी भी अहंकार नहीं करना चाहिए। क्योंकि जो अहंकार करते हैं उनके पास जो कुछ होता भी है वह भी धीरे-धीरे चला जाता है।
ज्ञानी कहते हैं कि दुनिया का हर व्यक्ति आगे निकल सकता है। सब कुछ मनुष्य की सोच पर ही निर्भर करता है। अगर मनुष्य मान ले कि वह नहीं कर पाएगा तो छोटा काम भी उससे नहीं हो सकता है। अगर ठान लिया जाए तो बड़े से बड़े कार्य आसानी से हो सकते है।
जीत और हार मनुष्य की सोच पर ही निर्भर करती है। विजेताओं के पास कुछ अलग नहीं होता बल्कि वे अपनी अच्छी सोच की वजह से आगे निकलते हैं। जीवन को सफल बनाने के लिए मनुष्य की हर सांस में प्रभुवाणी होनी चाहिए।
पुरुषार्थ करने वालों के लिए कोई भी चीज दूर नहीं होती। आलसी को पास की भी चीज काफी दूर लगती है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार हनुमान ने भगवान राम के प्रति अपनी श्रद्धा दिखाई थी। उसी प्रकार से हमें भी अपने गुरु भगवंतों के प्रति श्रद्धा दिखानी चाहिए।
समाज के हितकारी कार्य ही करना चाहिए। इसके साथ मनुष्य को अपने अंदर के अहंकार को दूर कर देना चाहिए, क्योंकि अहंकार सब कुछ तबाह कर देता है।