अहिंसा यात्रा द्वारा संपूर्ण भारत में अहिंसक चेतना का जागरण करते हुए लगभग 16000 किलोमीटर से अधिक की पदयात्रा करने वाले शांतिदूत आचार्य श्री महाश्रमण जी का आज वेलूर शहर में पावन पदार्पण हुआ। स्वर्णमंदिर के कारण स्वर्ण नगरी के नाम से प्रसिद्ध वेलूर के श्रद्धालुओं की चिर प्रतिक्षित मनोकामना आज अपने आराध्य की सान्निधि पाकर पूर्ण हो गई।
यात्रा पथ में परिवर्तन कर लगभग 75 किलोमीटर का अतिरिक्त विहार कर महातपस्वी महाश्रमण जी अपने भक्तों को तारने वेलूर पधारे। प्रभात वेला में गणाधिपति तुलसी इंजीनीयरिंग काॅलेज से गुरूदेव ने मंगल प्रस्थान किया। कल शाम आये तुफान एवं बरसात के कारण मौसम में आज शीतलता थी। शहर में प्रवेष करते ही वेलूरवासी अपने गुरू के स्वागत में उपस्थित हो गये।
लगभग 11 किमी विहार कर भव्य जुलूस के साथ पूज्य आचार्यवर का वेंकटेश्वर हायर सैकण्डरी स्कूल में पदार्पण हुआ। यहां आयोजित स्वागत समारोह में अमृत देषना देते हुए आचार्य श्री महाश्रमण जी ने कहा- जीवन में समय का बहुत बड़ा महत्त्व होता है। द्वव्य, क्षेत्र, काल और भाव चार दृष्टियां होती है। काल के बिना कोई कार्य नहीं हो सकता। छोटे से छोटे एवं बड़े से बडे़ कार्य में समय आवष्यक होता है।
समय एक ऐसी वस्तु है जो सभी को निःषुल्क और समान रूप से मिलता है। सभी को 24 घंटे मिलते है परन्तु जो उनका सदुपयोग करता है वह समय सार्थक कर लेता है। पूज्यप्रवर ने आगे कहा समय का सदुपयोग , अनुपयोग व दुरूपयोग ये तीन चिजे है। व्यक्ति, सुनियोजित तरिके से समय बिताये। व्यर्थ कार्याें में, व्यसनों आदि में समय व्यर्थ न करे। धर्म करने वाले का समय सफल होता है।
ज्ञान के प्रकाष एवं सदाचार की सुरभि से जीवन को भावित करने का प्रयास करे तो हम काल को सार्थक कर सकते है। अभिनंदन के क्रम में वेलूर तेरापंथ सभा के अध्यक्ष मीठालाल सुराणा, तेमम अध्यक्ष पूजा भण्डारी, दानमल सुराणा, स्थानकवासी समाज से धर्मचंद चोरड़िया ने भावाभिव्यक्ति दी।
तेरापंथ महिला मण्डल, कन्या मण्डल, सुलसा मण्डल एवं संगीत मण्डल की बहनों ने गितीकाओं का संगान किया। इस अवसर पर स्थानीय सांसद सी.एन.अन्नादुरई, विधायक श्री कार्तिकेय, लायन्स कल्ब गर्वनर बेनगड़ शुभ्भु, आर.टी.ओ. के रामकृष्णन ने शांतिदूत के दर्षन कर आषीर्वाद प्राप्त किया।