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आचार्यश्री हस्तीमलजी म.सा की 115 वीं जन्मजयन्ति व मरुधरकेसरी श्री मिश्रीमलजी म.सा की 41 वीं पुण्यतिथि स्वाध्याय भवन में मनाई गयी

आचार्यश्री हस्तीमलजी म.सा की 115 वीं जन्मजयन्ति व मरुधरकेसरी श्री मिश्रीमलजी म.सा की 41 वीं पुण्यतिथि स्वाध्याय भवन में मनाई गयी

श्री जैन रत्न हितैषी श्रावक संघ तमिलनाडु के तत्वावधान में पूज्य आचार्यश्री हस्तीमलजी म.सा की 115 वीं जन्मजयन्ति व मरुधरकेसरी श्री मिश्रीमलजी म.सा की 41 वीं पुण्यतिथि स्वाध्याय भवन में मनाई गयी |

श्री जैन रत्न हितैषी श्रावक संघ तमिलनाडु के तत्वावधान में इतिहास मार्तण्ड सामायिक स्वाध्याय के प्रबल प्रेरक बालब्रह्मचारी पूज्य आचार्यश्री हस्तीमलजी म.सा की 115 वीं जन्मजयन्ति व श्रमण सूर्य दिव्य विभूति मरुधरकेसरी पूज्यश्री मिश्रीमलजी म.सा की 41 वीं पुण्यतिथि स्वाध्याय भवन में हुक्म गच्छाधिपति नानेश पट्टधर आचार्य भगवन्त पूज्यश्री विजयराजजी म.सा के आज्ञानुवर्तिनी विदुषी महासतीजी श्री स्वर्णप्रभाजी म.सा के सानिध्य में जप तप त्याग पूर्वक मनाई गयी |

 श्री लीलमचन्दजी बागमार ने आचार्य हस्ती के जीवन चरित्र पर सुन्दर रचना से स्तुति की | बाल श्री सम्राट बागमार व स्वाध्यायी श्री कांतिलालजी तातेड़ ने महापुरुषों के गुणगान रुप में सुन्दर भजन सुनाया | उपस्थित श्रद्धालुओं द्वारा श्रदापूर्वक हस्ती चालीसा की सामुहिक स्तुति की गई |

श्रावक संघ तमिलनाडु के निवर्तमान कार्याध्यक्ष आर नरेन्द्रजी कांकरिया ने पुण्य धरा पीपाड़ में जन्म लेने वाले बालक हस्ती के विपत्ति भरे जन्म काल व बाल्य काल के अनेक प्रेरक संस्मरण सुनाते हुए गुणगान किये व सभी से इस प्रसंग पर वर्ष भर में एक आगम का पढ़ने का संकल्प महासतीजी से करें,ऐसा निवेदन रखा |

संघ के पूर्व मन्त्री श्री जवाहरलालजी कर्णावट ने बालक हस्ती व माता रुपकवर के वैराग्य काल व दीक्षित होने तक भाव भरे संस्मरणों का उल्लेख किया | पूर्व मंत्री श्री उगमचन्दजी कांकरिया ने गद्यमय स्तुति प्रस्तुत करते हुए आचार्यश्री की प्रेरणाओं पर प्रकाश किया | स्वाध्याय संघ जोधपुर के सहसंयोजक नवरतनमलजी बागमार ने आचार्य हस्ती की मुख्य प्रेरणा स्वाध्याय पर भाव रखते हुए हर परिवार से एक स्वाध्यायी बने ऐसी भावना रखी| श्रावक संघ के उपाध्यक्ष श्री गौतमचंदजी मुणोत ने सुन्दर भाव गद्य रुप में रखें, हम उस देश के वासी हैं जहां जिनवाणी बहती हैं |

स्वाध्यायी बन्धुवर श्री मनीषजी जैन ने आचार्य हस्ती के व्यक्तित्व विशिष्ट गुणों पर प्रकाश किया | स्वाध्यायी बन्धुवर विनोदजी जैन ने आध्यात्म योगी आचार्यश्री हस्ती के पाली से सोजत होते हुए निमाज पधारने व संलेखना संथारे के दृश्य का शब्दों में चित्रण किया | युवक परिषद् तमिलनाडु के शाखा प्रमुख संदीपजी ओस्तवाल ने गुणगान करते हुए प्रतिक्रमण प्रतियोगिता पर प्रकाश कर नैतिक व संस्कार शिविर हेतु वर्ष भर के लिए प्रभावना पुरस्कार हेतु स्वीकृति देने के लिए सम्पतराजजी भण्डारी व सुमेरचंदजी बागमार का संघ की ओर से आभार व्यक्त किया |

 श्राविका मण्डल की और से राष्ट्रीय अध्यक्षा संगीताजी बोहरा व श्राविका मण्डल तमिलनाडु की अध्यक्षा शशिजी कांकरिया ने स्तुति के माध्यम से गुणगान किये श्राविका मण्डल तमिलनाडु की अध्यक्षा शशिजी कांकरिया ने आचार्य हस्ती पर रोचक प्रश्नोत्तरी प्रस्तुत की |

 विदुषी महासतीजी श्री स्वर्णप्रभाजी ने आचार्य हस्ती के अनेक संस्मरणों को श्रवण कराते हुए आचार्यश्री के जीवन में मुख्य रुप से विपत्ति में विकास,माता रुपकवरजी की दृढ़धर्मिता व रियां वाले श्रावक छगनमल जी मुणोत के योगदान को मुख्य बताया | आचार्य भगवन्त के अनेक बार पूर्वाभास हो जाने के संस्मरण पर प्रकाश किया व संथारे के समय गुरुदेव आचार्यश्री नानालालजी म.सा की आज्ञा होने पर ब्यावर से विहार कर महासती मण्डल के साथ निमाज जाने व प्रत्यक्ष रुप से संथारे साधक हस्ती की सजगता को जो देखा, उसका वर्णन किया | मरुधरकेसरी श्री मिश्रीमलजी म.सा का बाल्य काल विपत्ति भरा रहा व राजमाता द्वारा बालक मिश्रीमल का लालन पालन व रोगग्रस्त हो जाने व श्री बुधमलजी म.सा की मांगलिक सुन स्वस्थ हो जाने पर दीक्षित होने की घटनाओं पर महासतीजी ने उल्लेख कर गुणगान किये | मनीषजी जैन ने महासतीजी से वर्ष भर में णमो आयरियाणं की माला परिवार सहित 51000 बार फेरने के संकल्प को करते हुए लोगस्स का कार्योत्सग करवाया |

 महापुरुषों की जयन्ति पर गुणगान पूर्ण प्रवचन सभा का सुन्दर संचालन श्रावक संघ तमिलनाडु के मंत्री अनोपचन्दजी बागमार ने किया | संघ के अध्यक्ष श्री आर पदमचन्दजी बागमार ने महासती मण्डल के प्रति कृतज्ञता भरे भाव रखे व गुणगान प्रवचन सभा कार्यक्रम में पधारने हेतु व सहयोग करने हेतु आभार व्यक्त किया |

चेन्नई महानगर के विभिन्न क्षेत्रों से करीब 450 श्रदालुओं की उपस्थिति प्रमोदजन्य रही | श्री कांतिलालजी तातेड़ ने श्रावक के मनोरथ व संकल्प करवाया | महासतीजी श्री स्वर्णप्रभाजी म.सा ने व्रत- प्रत्याख्यान व सामूहिक नियम कराते हुए मांगलिक श्रवण कराने की कृपा की | संघ की ओर से सभी उपस्थित श्रद्धालुओं के लिए आतिथ्य सत्कार रुप में भोजन की व्यवस्था रखी गयी |

 तीर्थंकर भगवन्तों आचार्य भगवन्तों,उपाध्याय भगवन्तों भावी आचार्यश्री विदुषी महासती मण्डल चरित्र आत्माओं की जयजयकार के साथ प्रवचन संग गुणगान सभा सुसम्पन्न हुई |

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