चेन्नई. रेडहिल्स स्थानक में विराजित श्रुतमुनि और अक्षरमुनि ने आचार्य सम्राट आनंदऋषि की पुण्य तिथि के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम के दूसरे दिन कहा कि पुण्य के द्वार खोलने के लिए अन्न पुण्य, पानी पुण्य, तामन पुण्य, शमन पुण्य और वस्त्र पुण्य जरुरी है।
इनके द्वारा पुण्य की टंकी भर के जीवन को सुखमय बना सकते हैं। इस अवसर पर अक्षरमुनि ने जीवन को तारने के लिए अहिंसा संयम और तप का प्रतिबोध दिया।
आज आचार्य आनंदऋषि का स्मृति दिवस सामयिक दिवस के रूप में मनाया जाएगा। ये जानकारी संघ के अध्यक्ष महावीर खींचा ने दी। कार्यक्रम का संचालन मनोज भंडारी ने किया।