चेन्नई. टी. नगर में बर्किट रोड स्थित माम्बलम जैन स्थानक में विराजित उपप्रवर्तक विनयमुनि के सान्निध्य में गौतममुनि ने कहा जो मनुष्य अपने जीवन मे मिले अवसर का लाभ उठाते हैं उनका जीवन चमक जाता है। मौका सभी को मिलता है पर लाभ सब नहीं उठा पाते। जो अवसर का महत्व समझ कर उसका लाभ उठाते हैं उनका जीवन बदल जाता है।
ज्ञानी कहते हंै कि अवसर पानी की एक एक बूंद करके हाथों से निकल रहा है और जल्द ही खत्म हो जाएगा। इसलिए जो मिला है उसका महत्व समझ लेने में ही भलाई है अन्यथा अवसर भी मनुष्य का महत्व भूल जाएगा।
उन्होंने कहा जब तक मनुष्य जीवन हाथो में है तब तक धर्म किया जा सकता है। ऐसा करके मनुष्य अपने जीवन को सार्थक और सफल बना सकता है। मनुष्य जीवन ऐसा रत्न है जो सबको नहीं मिलता। जिन्हें मौका मिला है वे बहुत ही भाग्यशाली होते हैं। ऐसे अवसर को पाने के बाद भी इसका महत्व नही समझना जीवन का भूल होगा। मनुष्य भव को पाने के लिए देवता भी इच्छुक होते है पर नहीं मिल पाता है।
मनुष्य को यह भव आसानी से मिला है तो इसको आसानी से नही खोना चाहिए। सागरमुनि ने कहा कि धर्म रूपी लोक में परमात्मा ने प्रकाश कर प्रत्येक मनुष्य जीव पर अनंत उपकार किए हैं। जीवन में आचरण के महत्व से ज्यादा समझ का महत्व होता है।
आगे बढऩे के लिए मनुष्य को समझ प्राप्त करनी होती है। परमात्मा की अमृत वाणी सुनकर मनुष्य को अपने जीवन से क्रोध, मोह, माया और लोभ को दूर करने का प्रयास करना चाहिए। अगर ऐसा नहीं किया तो पाप बढ़ेगा और नर्क के मार्ग पर पहुचते चले जाएंगे।
पाप के मार्ग से बचने के लिए धर्म की आराधना करने की जरूरत होती है। परमात्मा की वाणी एक कान से सुनकर दूसरे कान से निकाला गया तो उसका कोई लाभ नही मिलेगा। बल्कि उसे अपने आचरण में उतार कर श्रवण करने से लाभ की प्राप्ति होती है।
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