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अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह का दूसरा दिवस अहिंसा दिवस के रूप में मनाया

अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह का दूसरा दिवस अहिंसा दिवस के रूप में मनाया

 शारीरीक, वाचिक, मानसिक, आत्मिक भावों में हो अहिंसा : मुनि हिमांशुकुमार

अहिंसामय चेतना से स्वस्थ एवं आदर्श बनता समाज : साध्वी डॉ गवेषणाश्री

Sagevaani.com /चेन्नई: अणुव्रत विश्व भारती सोसायटी के तत्वाधान में अणुव्रत समिति, चेन्नई द्वारा अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह के अंतर्गत दूसरा दिन बुधवार को अहिंसा दिवस के रूप में दो जगह मनाया गया।

◆ तेरापंथ सभा भवन, साहूकारपेट में मुनि श्री हिमांशुकुमारजी  ने कहा कि भगवान महावीर ने जीवन के सर्वांगीण विकास के लिए अहिंसा का महत्वपूर्ण सूत्र दिया। शारीरीक, वाचिक, मानसिक, आत्मिक भावों में अहिंसा के लिए जो व्यक्ति अभय रहता है, सब जीवों के प्रति मैत्री का भाव रखता, समत्व की साधना करता और सहिष्णुमय रहने वाला ‘सकल हीत करने वाली अहिंसा’ में रत रह सकता हैं, उच्च जीवन जी सकता है। गुरुदेव तुलसी ने वर्तमान परिपेक्ष्य में उसे अणुव्रत आचार संहिता के साथ जोड़ा।

 ■ रात्रिभोज एवं हरियाली पर खाने नहीं करने का किया आह्वान

 मुनि ने विशेष प्रेरणा देते हुए शादी इत्यादि सामाजिक समारोह को लॉन, हरियाली में नहीं रखने, रात्रिभोज नहीं करने और खाने में जमीकंद का प्रयोग नहीं करने के साथ, चमड़े एवं जीवजन्य सौन्दर्य प्रसाधन सामग्री का प्रयोग नहीं करने की प्रेरणा दी।

राजस्थान पत्रिका के मीडिया पार्टनर में समायोजित इस कार्यक्रम में मुनि हेमंतकुमार ने भी समीचीन विचार व्यक्त किए।

★  माधावरम् के जैन तेरापंथ नगर में तीर्थंकर समवसरण में साध्वी डाॅ गवेषणाश्रीजी ठाणा- 4 के सान्निध्य में समायोजित कार्यक्रम में साध्वीश्री ने कहा की प्रत्येक व्यक्ति में अहिंसामय चेतना का विवेक जागृत होने पर उसका जीवन आदर्श बन सकता है और वह स्वस्थ समाज का निर्माण कर सकता है। अणुव्रत आंदोलन में गुरुदेव श्री तुलसी द्वारा प्रदत्त सिद्धांतों में मुख्य सिद्धांत अहिंसा है। यह एक ऐसा सिद्धांत है, जो न केवल व्यक्तिगत आचरण को प्रभावित करता है, बल्कि समाज और सम्पूर्ण ब्रह्मांड के प्रति हमारी जिम्मेदारी को भी दर्शाता है।

 अणुव्रत समिति उपाध्यक्ष अरिहंत बोथरा ने कहा की असल मायने में अहिंसा केवल एक नैतिक सिद्धांत नहीं, बल्कि यह जीवन जीने का एक तरीका है। जो कोई भी अपने जीवन में इस सिद्धांत को अपनाता हैं और इसे अपने व्यवहार में दर्शाता है, तो उसका जीवन सरल और सफल होता है। कार्यक्रम में समिति के अध्यक्ष ललित आंचलिया, परामर्शक गौतम सेठिया, राकेश खांटेड, जैन श्वेतांबर तेरापंथ माधावरम् ट्रस्ट के प्रबंधन्यासी घीसूलाल बोहरा इत्यादि गणमान्य व्यक्तियो की उपस्थिति रही।

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