चेन्नई. अपने जीवन में ऐसे सत्कार्य करने चाहिए, जिनसे परिवार वाले ही नहीं पूरा संसार खुश हो। इसके लिए परमात्मा के चरणों में बैठकर सच्चे मन से उनके वचन सुन कर जीवन में उतारने का प्रयास करना चाहिए तभी जीवन सफलता की ओर बढ़ पाएगा। अच्छे मार्ग पर चल कर प्रत्येक व्यक्ति अपने जीवन का कल्याण कर सकता है।
साहुकारपेट जैन भवन में विराजित उपप्रवर्तक गौतममुनि ने कहा जिस दिन प्रभु का दर्शन होगा उस दिन जीवन धन्य हो जाएगा। मनुष्य चाहे तो अपने ज्ञान दर्शन से तीनों लोकों को प्रकाशित कर सकता है। भाग्यशाली मनुष्य वह होता है जो देव गुरु के चरणों में बैठकर अपनी आस्था देखने का प्रयास करता है। मनुष्य ने दूसरों के अवगुण तो बहुत देखे, अब खुद को देखने का प्रयास करना चाहिए। अब वक्त आ गया है जब खुद को देख कर अपने अवगुणों को दूर करे। यदि परमात्मा की दिव्य वाणी का अनुसरण कर ज्ञान रूपी मार्ग पर चले जो जीवन प्रकाशमय हो जाएगा।
सागरमुनि ने कहा अपने अच्छे बुरे कर्माे की वजह से ही मनुष्य को अच्छे बुरे मार्गो पर जाना पड़ता है। लेकिन अच्छे कर्म कर लोक को प्रकाश मय करने से जीवन सफल हो जाता है। जीवन में प्रकाश का बहुत ही महत्व है। यह प्रकाश गुरु चरणों में जाने से ही मिल पाता है। परमात्मा की वाणी जीवन को प्रकाशमय बनाने के लिए होती है। जीवन के अंधेरे को दूर करना है तो प्रकाश लाने का प्रयास करना होगा। जीवन में आगे जाने के लिए आंखों की रोशनी बढ़ानी जरूरी है।
परमात्मा की दिव्यरूपी वाणी को जीवन में उतारना चाहिए। इस मौके पर संघ की ओर से अध्यक्ष आनंदमल छल्लाणी एवं अन्य पदाधिकारियों ने तपस्यार्थियों का सम्मान किया। कोषाध्यक्ष गौतमचंद दुगड़ ने बताया कि विनयमुनि और गौतममुनि के सानिध्य में रविवार को जैन भवन में उपाध्याय प्रवर प्रवीण ऋषि का जन्म दिवस मनाया जाएगा।