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धर्म ही एक ऐसा तत्व है जो जीवको सुरक्षा प्रदान कर सकता है: पुज्य जयतिलक जी म सा

धर्म ही एक ऐसा तत्व है जो जीवको सुरक्षा प्रदान कर सकता है: पुज्य जयतिलक जी म सा

रक्षाबंधन के बारे में चंदनबाला महिला मण्डल द्वारा नाटक की प्रस्तुति पुज्य जयतिलक जी म सा ने जैन भवन, रायपुरम में प्रवचन में बताया कि संसार में धर्म ही एक ऐसा तत्व है जो जीवको सुरक्षा प्रदान कर सकता है। संसार के सब साधन आपके पास उपलब्ध हो किंतु कोई आपको संरक्षण करने में समर्थ नहीं। मात्र संसार में एक धर्म ही ऐसा है जो संसार के समस्त जीवों को सुरक्षा प्रदान कर सकता है।

किंतु लोक में रक्षा बंधन नामक एक व्यवहार है प्राचीन काल में बहन दूर प्रदेश में आदि ब्याही जाती थी। भाई बहन का आपस में मिलन कम हो जाता है। उसके हित का सुख का चिंतन करने वाला कोई नहीं था! अतः पुराने बुजुर्गो ने सोच समझ कर यह रिति बनाई की भाई अपनी बहन की रक्षा करे उसका सुख दुःख जाने इसलिए रक्षाबंधन पर्व बनाया गया ! जिसको कम से कम साल में एक बार भाई बहन का मिलन हो जाय। आज के युग में हर चीज में मांग शुरू हो गई! आज रक्षाबंधन जैसा पवित्र त्यौहार में इच्छा पूर्ति का स्थान हो गया।

कामना होती है जहाँ कामना है वहाँ रागद्वेष बढ़ जाता है। जैन धर्म के अनुसार रक्षाबंधन का पर्व इस निमित्त से मनाया जाता है। और धर्म ही हमारी रक्षा करने में समर्थ है। रक्षाबंधन के बारे में चंदनबाला महिला मण्डल द्वारा शानदार नाटक प्रस्तुत किया गया। जिसकी सभी ने सराहना की। गौतमचंद खटोड ने रक्षाबंधन पर अपने विचार प्रस्तुत किये। मंत्री नरेन्द्र मरलेचा ने संचालन किया।

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