चेन्नई. यहां माधवरम में जैन तेरापंथ नगर स्थित महाश्रमण सभागार में ११ नवम्बर को आचार्य महाश्रमण के सान्निध्य में तिरुवण्णामलै निवासी श्वेता एवं प्रेक्षा की जैन भागवती दीक्षा होगी। इससे पूर्व तिरुवण्णामलै में जैन समेत सर्वसमाज के अलावा लायन्स क्लब, रोटरी क्लब, जेसीज, चैम्बर ऑफ कॉमर्स एवं अन्य स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा दोनों मुमुक्षुओं का अभिनंदन किया जाएगा। संपन्न परिवार में जन्मी २६ वर्षीया श्वेता एवं प्रेक्षा ने वर्ष २०१४ में क्रमश: सीए व एमबीए किया है। इनके दीक्षा लेने के बारे में पूछने पर श्वेता के पिता अरविंद सेठिया ने बताया कि ये दोनों पढ़ाई के दौरान ही तिरुवण्णामलै आने वाले हर संत के संपर्क में रहती एवं सेवा करती थी और उनसे संत जीवन के बारे में जानकारी हासिल करती रहती थी। संतों द्वारा मिली जानकारी के चलते ही इन्होंने दीक्षा लेने का विचार कर लिया। पढ़ाई पूरी होते ही इन्होंने अभिभावकों से दीक्षा की इजाजत मांगी तो उन्होंने इनको बहुत समझाया और संत जीवन में आने वाली परेशानी के बारे में बताया लेकिन वे नहीं मानी बल्कि उन्होंने केवल तीन ही द्रव्य (खाद्य पदार्थ) ग्रहण करने का संकल्प लेने की बात कही, इस पर परिजनों ने इनको अनुमति दे दी।
प्रे रह रक्षा के पिता गौतम सेठिया ने बताया कि २०१४ में इनको आचार्य महाश्रमण के आदेश पर कानपुर में बतौर मुमुक्षु भर्ती किया गया और तब से वे वहींही थी और अभी माधवरम आई हुई हैं। उन्होंने यह भी बताया कि श्वेता को २४ अक्टूबर को आचार्य महाश्रमण के सान्निध्य में संस्कृत में विशेष सहयोग के लिए जैन विश्व भारती द्वारा गोल्ड मेडल दिया जाएगा।