पक्षीतीर्थ में परिवार प्रशिक्षण एवं संस्कार निर्माण कार्यशाला का हुआ आयोजन
तिरुकलीकुण्ड्रम : साध्वी श्री डाॅ.मंगलप्रज्ञाजी के सान्निध्य में रविवार को युवा वर्ग एवं बाल पीढी के लिए संस्कार निर्माण शिविर एवं महिला मण्डल के तत्वावधान में परिवार प्रशिक्षण कार्यशालाओं का आयोजन किया गया। समस्त जैन समाज से बड़ी संख्या में बड़ों के साथ बच्चों, कन्याओं और किशोरों ने रुचि पूर्वक भाग लिया।
जैनत्व सुरक्षा की जिम्मेदारी आपकी
साध्वी श्री मंगलप्रज्ञाजी ने भावी पीढ़ी को झकझोरते हुए कहा कि आपके पूर्वजों एवं अभिभावकों ने आपको जैन बनाया। अब आगे की पीढ़ी में जैन संस्कार को संक्रांत करने का मुख्य दायित्व आपका है। आपके कार्य, आचरण एवं वचन में जैनत्व मुखर हो। कार्यक्रम में युवा, किशोरों एवं कन्याओं ने संघ भक्ति एवं शौर्य भरा गीत प्रस्तुत किया। ज्ञानशाला संयोजिका श्रीमती विमला दुगड़ ने सभी का स्वागत किया। ज्ञानशाला के बच्चों ने ऐतिहासिक बाल किरदारों के रुप में रोचक प्रस्तुति दी। तत्पश्चात योग, स्मृति विकास, विवेकपूर्वक विकास आदि विषयों पर कक्षाओं का आयोजन किया गया। संचालन साध्वी श्री राजुलप्रभाजी ने किया।
परिवार प्रशिक्षण कार्यशाला का प्रारम्भ महिला मंडल के द्वारा मंगलाचरण संगान से किया गया।सभाध्यक्ष श्रीमान बाबुलालजी खाटेड ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया। साध्वीवृन्द ने परिवार विषयाधारित प्रेरणास्पद गीत का संगान किया।अग्रगणी साध्वी श्री डाॅ. मंगलप्रज्ञाजी ने अपने अनुभव ज्ञान एवं प्रेरणा पूर्ण वक्तव्य में जनता को प्रतिबोधित करते हुए कहा- परिवार में कैसे जीना, इसकी ट्रेनिंग हर ब्रेन को मिलनी चाहिए। रुचि भिन्नता, कार्यशैली भिन्नता, विचारों की भिन्नता भले हो, लेकिन मन में भिन्नता ना हो। आग्रह स्वार्थ, लोभ, अहं के वाइरस आपके परिवार में अशांति, द्वेष, बिखराव की व्याधि पैदा कर सकते हैं। परिवार को स्वस्थ रखना है तो कम्यूनिकेशन टेक्नोलॉजी का विवेक पूर्वक उपयोग होना चाहिए। मुस्कान से जीएं, क्योंकि इससे जीवन की बेटरी चार्ज होती है। साध्वी शौर्यप्रभाजी ने पारिवारिक संस्कारों की सुरक्षा कैसी होती है, इस बारे में विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का सफल संचालन साध्वी श्री चैतन्यप्रभाजी ने किया।
स्वरुप चन्द दाँती
प्रचार प्रसार प्रभारी
श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा, चेन्नई
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