इंदौर। जो पूरे संसार को नियंत्रण में रखता है, नि:स्वार्थता का प्रतीक है, ओर तो ओर वह हर जगह मौजूद है और एकमात्र वही सुख देने वाला है वह है ईश्वर। जो उसे नहीं समझते वे दु:ख में डूबे रहते हैं और जो उसे अनुभव कर लेते हैं, मुक्ति सुख को पाते हैं।
श्री नगिनभाई कोठारी चेरिटेबल ट्रस्ट के तत्वावधान में हृींकारगिरी तीर्थ धाम में दिव्य भक्ति चातुर्मास कर रहे कृष्णगिरि पीठाधिपति, यतिवर्य, राष्ट्रसंत डॉ. वसंतविजयजी म.सा. ने मंगलवार को अपने नियमित प्रवचन में यह बात कही। उन्होंने कहा कि व्यक्ति की क्षमता और योग्यता के अनुसार ईश्वर अवसर देते रहते है, सही समय पर ईश्वर को पहचान लेना चाहिए और उसकी भक्ति में लग जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि यह सारा संसार एक मात्र ईश्वर से पूर्णत: आच्छादित और नियंत्रित है, इसलिए कभी भी अन्याय से किसी के धन की प्राप्ति की इच्छा नहीं करनी चाहिए अपितु न्यायपूर्ण आचरण द्वारा ईश्वर के आनंद को प्राप्त करना चाहिए। ट्रस्टी विजय कोठारी व वीरेंद्र कुमार जैन ने बताया कि मंगलवार को भी धाम में डॉ.वसंतविजयजी म.सा. से मांगलिक आशीर्वाद लेने वालों का तांता लगा रहा।
चैन्नई, बेंगलूरू, मध्यप्रदेश सहित अनेक राज्यों के शहरों से श्रद्धालूओं ने दर्शन किए। विजय कोठारी ने बताया कि संतश्री वज्रतिलक जी की निश्रा में प्रातः प्रतिक्रमण व सामूहिक भक्तामर जाप किया गया। ट्रस्टी जय कोठारी ने बताया कि विधिकारक हेमंत वेदमूथा मकसी द्वारा मूलनायक परमात्मा पार्श्वनाथ जी का 50 दिवसीय 18 अभिषेक विधान कोठारी परिवार के सौजन्य से पूर्ण हुआ।