चेन्नई. विरुगम्बाक्कम स्थित एमएपी भवन में विराजित कपिल मुनि के सानिध्य व श्री एसएस जैन संघ के तत्वावधान में मंगलवार को अष्ट दिवसीय पर्वाधिराज पर्यूषण की शुरुआत हुई। इस मौके पर मुनि ने कहा हमारा सौभाग्य है कि हमें पर्व प्रधान देश की संस्कृति में जन्म मिला है । पर्व पावनता के प्रतीक होते हैं।
पर्यूषण एक लोकोत्तर पर्व है जिसका सन्देश और उद्देश्य आत्मा का शुद्धिकरण है । ये पर्व आत्म स्मरण और आत्म जागरण की पावन वेला है। इन दिनों में अपनी आत्मा का हित चाहने वाले को देह के धरातल से ऊपर उठकर चेतन के धरातल पर जीने का पुरुषार्थ करना चाहिए। इस लोकोत्तर पर्व को रीति-रिवाज के तौर पर नहीं मनाकर हार्दिकता से मनाना चाहिए।
इस संसार में सत्ता, संपत्ति, सम्मान और संतान सभी को प्रिय है परन्तु तत्वदर्शियों ने गहन चिंतन मनन करके इन सभी को नश्वर मानकर धर्म को ही सर्वोपरि माना। जिसने धर्म को छोड़ा उसका सब कुछ नष्ट होकर स्वयं भी नष्ट हो गया और जिसने धर्म की सुरक्षा की उसका ही सब कुछ सुरक्षित रहा।
व्यक्ति को ऐसे निमित्त और संयोगों से बचना चाहिए जो उसकी श्रद्धा को क्षति पहुंचाते हों। प्रवचन के पूर्व मुनि ने अन्तगड़ सूत्र का वाचन किया। संचालन संघमंत्री महावीर पगारिया ने किया।