कडलूर. श्रीमूचनम विराजित उपप्रवर्तक विनयमुनि ने कहा कि मनुष्य को अहिंसा का पालन करना चाहिए। जो मनुष्य इसको त्याग कर हिंसा की राह पर चलते हैं उन्हें बाद में बहुत पछतावा होता है।
इसलिए मनुष्य को हिंसा का मार्ग छोडक़र अहिंसा के मार्ग को अपनाना चाहिए। किसी ज्ञानी ने कहा है कि जब मनुष्य को मौका मिलता है तो वह उसका लाभ नहीं ले पाता। मौका जाने पर पछताने से भी कुछ हासिल नहीं होता है।
जीवन में किसी चीज का महत्व हो या ना हो लेकिन समय का बहुत महत्व होता है। समय कभी भी किसी का इंतजार नहीं करता है। एक बार जाने के बाद वापस भी नहीं मिलता है। समय उसी व्यक्ति की कद्र करता है जो समय की कद्र करना जानता है।