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विपरीत वातावरण बनने पर भी गुस्सा नहीं करना चाहिए: उपप्रवृत्तिनि संथारा प्रेरिका सत्य साधना ज गुरुणी मैया

विपरीत वातावरण बनने पर भी गुस्सा नहीं करना चाहिए: उपप्रवृत्तिनि संथारा प्रेरिका सत्य साधना ज गुरुणी मैया

हमारे भाईन्दर में विराजीत उपप्रवृत्तिनि संथारा प्रेरिका सत्य साधना ज गुरुणी मैया आदि ठाणा 7 साता पूर्वक विराजमान है। वह रोज हमें प्रवचन के माध्यम से नित नयी वाणी सुनाते हैं वह इस प्रकार हैं।

बंधुओं जैसे कि जीवन में खुश रहने का पहला सूत्र अपने दिन की शुरुआत मुस्कान के साथ करें जेब में भले ही न मोबाइल पर चेहरे पर जरूर रखिए स्माइल मुस्कुराने में कैसी कंजूसी।

दुकान खोलना बाद में पहले मुस्कुराना शाम को जब लोट कर आते हैं तो भी पहले सीढ़ियां पर खड़े होकर मुस्कुराना चाहिए। खुशी कोई आसमान से टपक कर नहीं आती और ना ही सती सीता की तरह जमीन फाड़कर बाहर आती है। खुशी तो हमारे मन का फैसला है फिर जीवन में चाहे उलज्जन आए।

परंतु सदा खुश रहना चाहिए खुश रहना ईश्वर की सबसे बड़ी सेवा है। विपरीत वातावरण बनने पर भी गुस्सा नहीं करना चाहिए हमेशा ही मुस्कुराना चाहिए। क्या या प्रभु भक्ति से कम है पूरे दिन 1 घंटे में टाइम फिक्स कर लो यह करते हैं आए गाय का सम्मान स्वागत सत्कार सब करना पड़ता है। दिमाग को थोड़ा खाली करना पड़ेगा चाहे दुनिया कुछ भी कहे हमें क्या फर्क पड़ता है हमें कुछ फर्क नहीं पड़ना चाहिए। हमें सदा ही मुस्कुराते रहना चाहिए और कोई भी लोड नहीं लेना तो हमारी जिंदगी स्वर्ग बन जाएगी जीवन में मुसीबत आना जीवन का हिस्सा है पर मुसीबत के बावजूद हंसते मुस्कुराते रहना यह जीवन जीने की कला है यही जीवन जीने की कला है।

जय जिनेंद्र जय महावीर🙏🙏

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