मॉं का ह्रदय ममता का मंदीर होता है, मॉं वात्सल्य का सागर है – डॉ. राज श्री जी म. सा. अवगुण छोडो गुणरी करना बात, माता पिताने जाणो थे, उनकी सेवा है प्रभुका सन्मान! -साध्वी जिनाज्ञा श्री जी आज पर्युषण पर्व का छटा पुष्प गुंफा गया! प्रवचन का विषय था “सॉंस बहुके रिश्ते कैसे मधुर बने”! डॉ. राज श्री जी ने कहा मॉं जन्म देती है, सॉंस जीवन जिना सिखाती है! तीन बातोका ज़िक्र किया सॉंस ने कुछ बातोके लिए कानसे बहरा , ऑंखसे गहरा बनना है, बहुने सॉंस की प्रत्येक बात मानना सिखना चाहिएँ, अपनी बातकी सफ़ाई ना दे!
डॉ. मेघाश्री जी ने एक उच्चशिक्षीत बेटे की कहानी सुनाकर उपस्थितों को भावना विवश किया! साध्वी समिक्षा श्री जी ने विषय से संबंधित स्तवन सुनाया! साध्वी जिनाज्ञा श्री जी ने अपनी आदतें बदलनेका एहलान किया जैसे दुसरोकी कमियॉं ना देखो,दुसरोकी मजाक ना उडावो, टोका टोकी ना करो, ज़्यादा कंजुसी से जीवन मत जिवो, उदारता रखो! आज शाम तपस्वी योंके सन्मान मे ॲक्टिव बहु मंडल के औरसे भक्ति गीत एवं भावना का कार्यक्रम हुआ!
श्री संघ के विश्वस्त मंडल ने वयोव्रुद्घ माता जी श्रीमती कमलबाई धनराजजी श्रीश्रीमाल जी का उनके निवास जाकर स्म्रुति चिन्ह एवं शाल माल्यार्पण कर सन्मान किया ! श्रीश्रीमाल परिवार द्वारा सामाईक साधकोके लिए आराधकेके लिए सुंदर बॅग प्रदान की गयी थी! सन्मान के अवसरपर प्रमोदजी, संजयजी, प्रशांत जी अपने धर्मपत्नीयो संग उपस्थित थे !
संघाध्यंक्ष सुभाषजी ललवाणी एवं विश्वस्तोने श्रीमती कमलबाई श्रीश्रीमाल जी को नवाजा! आज के धर्मसभामे सोशल मिडिया फाऊंडेशन के संस्थापक अध्यक्ष, जाज्वल्य न्युजके प्रमुख किशोरभाई भंडारी उपस्थित थे ! उन्हे श्री संघद्वारा पुर्व अध्यक्ष जवाहरजी मुथा एवं संघाध्यक्ष सुभाष जी ललवाणी द्वारा नवाजा गया! उपस्थित धर्मअनुरागीयोंका सुभाषजी ललवाणी ने स्वागत किया!