परम्परा के मूलपुरुष पूज्यश्री कुशलचन्द्रजी म.सा का दीक्षा दिवस संघ समर्पण दिवस के रुप मे श्री जैन रत्न हितैषी श्रावक संघ तमिलनाडु के तत्वावधान मे स्वाध्याय भवन, चेन्नई मे मनाया गया|
उपस्थित श्रदालुओं ने दीक्षा दिवस के प्रसंग पर संयम चालीसा की स्तुति की | वरिष्ठ स्वाध्यायी वीरेन्द्रजी कांकरिया ने तत्वों के स्वाध्याय मे पुण्य तत्व के अंतर्गत अन्न,पाण,शयन,वस्त्र,स्थान, मन,वचन,काया,नमस्कार नौ प्रकार के भेदों का विस्तृत विवेचन किया |
श्री जैन रत्न हितैषी श्रावक संघ,तमिलनाडु के कार्याध्यक्ष आर नरेन्द्र कांकरिया ने महापुरुष के गुणगान करते हुए कहा कि आपका जन्म मारवाड़ के सेठो की रिया ग्राम मे श्री लादूरामजी चंगेरिया- कानूबाईजी के यहां हुआ | बाल वय मे ही आपके पिताश्री का वियोग हो गया और बचपन मे ही आप पर परिवार की जिम्मेदारी आ गयी |
संसार की नश्वरता को जानकर आपको विरक्ति हो गयी और आचार्य श्री भूधरजी का सानिध्य पाकर दृढ़तम वैराग्य हो गया और रिया मे जैन भागवती दीक्षा ले ली | प्रथम चातुर्मास मेड़ता में किया | आपके संयम की निर्मलता व तपस्तेज से प्रभावित होकर अनेक भाईयों ने आपके मुखारविन्द से जैन भागवती दीक्षा अंगीकार की | योग्यता होते हुए भी आपने आचार्य पद ग्रहण नही किया |
श्रावक संघ तमिलनाडु के कार्याध्यक्ष ने महापुरुषों के गुणगान करते हुए उनकी विशेषता बताते हुए धर्मसभा मे कहा कि आचार्यश्री जयमलजी म.सा और श्री कुशलचन्द्रजी म.सा का परस्पर इतना घनिष्ठ प्रेम रहा कि दोनो के शिष्य परिवार अलग-अलग होते हुए भी दोनो महापुरुष प्रायः साथ-साथ ही रहे | आपके मुखारविन्द से गुमानचंद्रजी म.सा दुर्गादासजी म.सा आदि अनेक सन्त रत्नों की भागवती दीक्षाएं हुई |
आपके गुरुदेव आचार्य भूधरजी म.सा का वियोग होने पर आपने अपने गुरुभाई जयमलजी म.सा की तरह ही ज़िन्दगी भर आड़ा आसन नही करने की अर्थात नही सोने की दृढ़ प्रतिज्ञा की | आपके संथारा पूर्वक समाधिमरण के पश्चात,आपने जिस बीज को अंकुरित पल्लवित-पुष्पित किया उसके संवर्धन का भार शिष्य श्री गुमानचंद्रजी म.सा ने रत्नवंश के प्रथम आचार्य के रुप मे बखुबी निभाया और जिनशासन में अति सुन्दर अभिवृद्धि की |
धर्म सभा मे रूपराजजी सेठिया, महावीरचंदजी छाजेड़, गौतमचंदजी मुणोत, कांतिलालजी तातेड़, इन्दर चंदजी कर्णावट, दीपक-योगेश श्रीश्रीमाल, वीरेन्द्रजी ओस्तवाल की उपस्थिति रही |
सामूहिक नियम, प्रत्याख्यान, जैन संकल्प के पश्चात स्वाध्यायी बन्धुवर आर वीरेन्द्रजी कांकरिया ने मंगलपाठ किया | तीर्थंकरों, आचार्य भगवन्तों, उपाध्याय भगवन्त, भावी आचार्य साध्वी प्रमुखा व चरित्र आत्माओं की जयजयकार के संग दीक्षा दिवस कार्यक्रम सम्पन्न हुआ |