जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने बार ऐसोसिएशन भीम द्वारा आयोजित कार्यक्रम में भाग लिया, जन परमार्थ संस्थान का भी किया अवलोकन ।
निकटवर्ती नंदावट गांव में तपाचार्या गुरुमाता जयमाला जीजी म.सा. की प्रेरणा से संचालित जय आनन्द जनपरमार्थ संस्थान भीम में राजसमंद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश राघवेन्द्र काछवाल, मोटरयान दावा दुर्घटना अधिकार जिला न्यायाधीश अश्विनी वैष्णव, जिला पारिवारिक न्यायाधीश संतोष मित्तल एवं सिविल न्यायालय भीम के न्यायाधीश ब्रह्मानंद शर्मा ने संस्थान परिसर का अवलोकन कर संस्थान द्वारा संचालित जन परमार्थ की विभिन्न गतिविधियों की जानकारी ली। संस्थान के मंत्री रतनलाल मारु एवं बार एसोसिएशन भीम के अध्यक्ष हितेष मेहता ने उन्हें संस्थान की विस्तृत जानकारी से अवगत कराया।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री काछवाल ने संस्थान संचालको को साधुवाद देते हुए कहा कि जैन समाज हमेशा समय-समय पर अपने अर्थ का सदुपयोग एवं समर्पण करके जनपरमार्थ के कार्य संचालन में अहम भूमिका निभाता है। यहां के सदस्यों ने मुझे अवगत कराया कि इस संस्थान ने अब तक लगभग 20 हजार जरुरतमंद नैत्र रोगियों को निःशुल्क आंखों की रोशनी दी है तथा समय समय पर आयुर्वेद शल्य चिकित्सा शिविर, जनरल चैकअप शिविर, जरुरतमंदों को उंनी कम्बल, विद्यार्थियों को पौशाकें वितरण जैसे जनकल्याणकारी आयोजन भी आयोजित करती आ रही है।
इस अवसर पर सभी न्यायाधीशों का संस्थान परिवार की ओर से व बार ऐसोसिएशन भीम की ओर से मेवाड़ी पगड़ी, शॉल, मोमेन्टो, माला आदि भेंट कर उनका बहुमान किया गया। कार्यक्रम में बार ऐसोसिएशन भीम के सभी एडवोकेट, संस्थान के मंत्री रतनलाल मारु, कानूनी सलाहकार एवं बार अध्यक्ष एडवोकेट हितेष मेहता, कोषाध्यक्ष विमल दक, व्यवस्थापक किशन मेवाड़ा, रामलाल सोनी, अशोक दक, दिलीप चौपड़ा, प्रकाश चौपड़ा, पवन मेहता, चिमनसिंह, प्रभुसिंह, रणजीतसिंह सहित सैंकड़ो लोग उपस्थित थे।