कोलकाता. पशु क्रूरता एक्ट नाम की कोई चीज नहीं है। गोरक्षा को लेकर उन्माद में आते हुए किसी भी व्यक्ति की हत्या अक्षम्य अपराध है, जिसे किसी भी प्रकार से उचित नहीं ठहराया जा सकता। राष्ट्रसंत कमल मुनि कमलेश ने महावीर सदन (भवानीपुर) में गुरुवार को चातुर्मासिक धर्मसभा को संबोधित करते हुए यह बात कही।
मुनि ने कहा कि प्रशासन की नाक के नीचे भ्रष्टाचार के चलते हुए कानून को तार-तार कर सरेआम अवैध रूप से गाय आदि पशुधन को निर्दयतापूर्वक भरा जाता है। उन्होंने कहा कि सरकार का प्रथम कर्तव्य है कि कानून की धज्जियां उड़ाने वाले पर कड़ी कार्रवाई करे, जहां से कत्ल के लिए लाया जा रहा है। वहां के प्रशासन अधिकारियों को तत्काल बर्खास्त कर वहां के जनप्रतिनिधियों को अयोग्य घोषित किया जाए।
मुनि ने कहा कि जब कानून उल्लंघन का काम गोरखधंधा बंद हो जाएगा तो जनता को ऐसे कदम उठाने का सोचना ही नहीं पड़ेगा। मुनि ने कहा कि पशु क्रूरता एक्ट कानून नाम की कोई चीज ही नहीं है और सब तरफ जंगलराज छाया हुआ है। प्रशासन बहरा-गूंगा हो गया है।
उल्टा चोर कोतवाल को डांटे वाली कहावत चरितार्थ हो रही है। उन्होंने कहा कि इससे बड़ा दुर्भाग्य और क्या हो सकता है कि गोहत्यारों को संरक्षण और गोभक्तों को कानून के हवाले किया जाता है। कौशल मुनि ने मंगलाचरण और घनश्याम मुनि ने विचार व्यक्त किए।
संचालन संघ मंत्री डॉक्टर जीएस पीपाड़ा ने किया। श्रावक संघ की ओर से अखंड महामंत्र नवकार का जाप किया गया।