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हमारी देही एक करोड़पति कन्या के समान सदा हमें सताती है: आगमश्रीजी म.सा.

हमारी देही एक करोड़पति कन्या के समान सदा हमें सताती है: आगमश्रीजी म.सा.

श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन संघ कम्मनहल्ली अध्यक्ष: विजयराज चुत्तर, मंत्री: हस्तीमल बाफना l

-:कम्मनहल्ली में प्रवचन:-   

       श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन संघ कम्मनहल्ली में कर्नाटक तप चंद्रिका प.पू. आगमश्रीजी म.सा. ने तप के बारे मे बताया हमारी देही एक करोड़पति कन्या के समान सदा हमें सताती है। जब हमारे घर में करोड़पति की कन्या आ जाती है तो वह हमेशा अपना रोब जमाना चाहती है। यह कन्या हमारी देह है वह तो माँगती नहीं पर हम ही उसका लाड कोड पुराते हैं। अब पर्व पर्युषण आए हैं तो हमें इसी देही से तप जप आदि करके अपने जीवन को सफल बनाना है।

प.पू. धैर्याश्रीजी म.सा. ने जाप के बारे में बताया नवकार मंत्र का एक पद भी सही मायने से पढ़ लिया जाए तो सात सागरोपम जितना पाप घटता है। एक पद का उच्चारण करते हैं तो पच्चास सागर जितना पाप नष्ट हो जाता है। अगर पूरा उच्चारण करें तो पाँच सौ सागरोपम जितना पाप नष्ट हो जाता है। हमें जाप करके पापों से मुक्त होना है।आज गहना जी छाजेड़ के ग्यारह की तपस्या के प्रत्याख्यान हुए। राकेशजी देसरला के यहां से मंगल कलश एवं अंतगड सूत्र, कल्पसूत्र का भव्य वरघोड़ा निकाला गया। अध्यक्ष विजयराज चुत्तर ने स्वागत किया। मंत्री हस्तीमल बाफना ने अभिवादन किया। संचालन सुधीर सिंघवी ने किया।

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