पर्युषण महापर्व में आज मनाया सामायिक दिवस
आचार्य महाश्रमण के प्रबुद्ध सुशिष्य मुनि डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार जी , मुनि रमेश कुमार जी , मुनि पद्म कुमार जी एवं मुनि रत्न कुमार जी के पावन सान्निध्य एवं श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा के तत्वावधान में सभी संघीय संस्थाओं के सहयोग से शुक्रवार को पर्वाधिराज पर्युषण महापर्व का तीसरा दिन सामायिक दिवस के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर सभी को सामूहिक रूप से अभिनव सामायिक का प्रयोग कराया गया, जिसमें सैकड़ों भाई-बहनों ने भाग लिया।
इस अवसर पर मुनि डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार जी ने उपस्थित अपार जनमेदिनी को फरमाया कि सामायिक बहुत बड़ी साधना है। समुचितपूर्वक, समतापूर्वक एवं विधिपूर्वक करने से एक सामायिक भी आत्म कल्याण में सहायक हो सकती है। सामायिक का मतलब है समभाव यानी समता भाव में रमण करना। सामायिक इंद्रियों की प्रवृत्ति को शांत करती है और उसे अध्यात्म की ओर ले जाती हैं, जिससे हमारा कल्याण होता है।
मुनि रमेश कुमार जी ने तेरापंथ धर्मस्थल के खचाखच भरे जयसभागार में उपस्थित श्रावक-श्राविकाओं को संबोधित करते हुए कहा कि सामायिक प्रतिदिन की जाने वाली क्रिया है। सामायिक के माध्यम से, व्यक्ति अपने भीतर की ओर मुड़ता है और अपनी आत्मा के कल्याण के लिए प्रयास करता है। सामायिक का अभिप्राय है – समता की स्थिति, स्थितप्रज्ञता, राग-द्वेष से मुक्त होना। यह बहुत बड़ी साधना है। जब तक जीव में श्रद्धा भाव, सही समझ, ज्ञान, दर्शन आदि नहीं आते तब तक सामायिक की साधना पूर्ण नहीं मानी जाती है। सामयिक व्यक्ति को आत्म-नियंत्रण और आत्म-जागरूकता विकसित करने में मदद करता है।
मुनि पद्म कुमार जी सामायिक में समता की साधना करने की प्रेरणा दी। मुनिश्री ने चतुर्दशी के उपलक्ष्य पर मर्यादा पत्र (हाजिरी) का वाचन किया। पर्युषण पर्व पर अखंड जाप के क्रम में शनिवार को छापर, चाड़वास, सुजानगढ़ का जाप होगा। तेरापंथी सभा के अध्यक्ष बाबूलाल सुराणा एवं मंत्री राजकुमार बैद ने सभी समाजबंधुओं से पर्युषण महापर्व के दौरान आध्यात्मिक लाभ लेने का आह्वान किया है। कार्यक्रम का कुशल संचालन मुनि पद्म कुमार एवं मुनि रत्न कुमार ने किया। इस आशय की जानकारी सभा के सहमंत्री अशोक बोरड़ ने यहां जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में दी।
श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा गुवाहाटी असम