*☀️ प्रवचन वैभव☀️*
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4️⃣9️⃣
*💧 पर्युषण तत्त्वधारा-14💧*
241)
संबोधन
संबंध की नीव हैं…
बनाना,बिगाड़ना
सब भाषा का खेल है.!
242)
घर के
सेवको के साथ
तुच्छ व्यवहार करना नही
वह आपकी फर्ज निभा रहे है
अतः वह भी कुटुंब के सदस्य हैं.!
243)
परमात्मा को
अंतर में अवतरित करने
मन को शल्यरहित बनाना होगा.!
244)
आत्म बोध+
संत समागम का
संयोग मिलना दुर्लभ है
मिल गया तो न्याल हो जायेंगे.!
245)
अयोग्य
व्यक्ति की प्रसंशा
अनर्थकारी होती है..
मरीचि के दृष्टांत को समझो.!
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*प्रवचन प्रवाहक:*
*तीर्थ प्रभावक वीर गुरुदेव*
*सूरि जयन्तसेन चरण रज*
मुनि श्रीवैभवरत्नविजयजी म.सा.
*🦚श्रुतार्थ वर्षावास 2024🦚*
श्रीमुनिसुव्रतस्वामी नवग्रह जैनसंघ
@ कोंडीतोप, चेन्नई महानगर