Sagevaani.com @चैन्नाई। वाणी में विवेक लुप्त होता है औंर जीवन अर्थ बन सकता है।सोमवार एस.एस. जैन भवन साहूकार पेठ में महासाध्वी धर्मप्रभा ने श्रध्दालूओ को सम्बोधित करते हूए कहा कि वाणी मनुष्य के व्यक्तित्व का आईना है। जो बोलचाल बुद्धि, विवेक और मन की दशा को दर्शाती है ।
शब्द बुद्धि, विवेक, मन और आत्मिक संग्रहित पूंजी से निकलते हैं। मन-बुद्धि, विवेक की आंतरिक अवस्था जैसी होती है, हम वैसे ही शब्द बोलने लगने लग जाता है। मानव के मन में यानि भीतरी खोह में जब गुस्सा होता है, तो गुस्से वाले शब्द और जब प्यार होता है, तो प्यार वाले शब्द अपने आप निकलते हैं। दोष शब्दों में नहीं होता मनुष्य कि सोच में होता है ।
बिखरे हुए मन से बिखरे हुए शब्द निकलते हैं और सधे हुए मन से सधे, सटीक और सार्थक शब्द ही निकलते हैं। सारा खेल शब्दों यानि वाणी का ही है। शब्दों से ही हम किसी को अपना बना लेते हैं और शब्द ही हैं जो अपने को भी दुश्मन बना जाते हैं । वर्षों के संजोये रिश्ते और सम्बन्ध एक मनुष्य के कड़वाहट भरे शब्द से वर्षो के रिश्ते पलभर मे टूट जाते हैं । धन मनुष्य को बावला और वाणी को तरकस बना देता है अगर मनुष्य की वाक्चातुर्यता संयमीत और संचित होगी तो यश ख्याति प्राप्त कर लेगा। वरना जीवन मे अर्थ होने नही रोक पाएगा। साध्वी स्नेहप्रभा ने कहा कि मनुष्य कि जिह्वा तलवार का काम करती है जो उसके जीवन को बिगाड़ भी सकती है और संवार भी सकती है।
मनुष्य मुख से निकले शब्द दुबारा से लौटने वाले नहीं है। व्यक्ति के जीवन में शब्दों का बहुत महत्व है ये उसकी सुरक्षा के कवच के साथ-साथ उसको मौलिक बनाता है । शब्दों यानि अपनी वाणी पर सदैव आत्मिक नियंत्रण रखें । संयमित वाणी से जहां अनंत रिश्तों को संजोकर रखा जा सकता है वहीं बेवजह की समस्याओं को भी न्योता देने से बचा जा सकेगा । इंसान को सदैव यह कोशिश करें की जरूरत के मुताबिक सधी हुयी वाणी का प्रयोग और उपयोग करना चाहिए।
लौकिक और सांसारिक जीवन में वाणी का अनमोल फलाफल होता है । वाणी यानि उसके शब्दों का प्रेषण है और व्यक्तित्व का आईना भी है।मनुष्य का व्यक्तित्व व प्रभाव शब्दों से ही झलकता है। वाणी पर नियंत्रण होगा तभी मनुष्य जीवन मे सफलता को प्राप्त कर सकता है। इसदौरान बहन स्वीट गांधी ने नौ उपवास और विमल सुराणा ने छब्बीस उपवास के साध्वी धर्मप्रभा से प्रत्याख्यान लिए जिनका एस. एस. जैन संघ के अध्यक्ष एम.अजितराज कोठारी, कार्याध्यक्ष महावीर चन्द सिसोदिया, सज्जनराज सुराणा, सुरेश डूगरवाल, बादल चन्द कोठारी, जितेन्द्र भंडारी, पदमचन्द ललवानी, महावीर कोठारी आदि पदाधिकारियों ने तपस्वियाओ और अतिथियों में अमरचन्द गांधी, सोहनलाल भंडारी, महेश भंसाली आदि सभी का श्रीसंघ साहूकार पेठ और से सम्मान किया गया।
प्रवक्ता सुनिल चपलोत ने बताया कि 30 जुलाई रविवार को साध्वी धर्मभा म.सा. का नानी बाई के मायरे पर विषेश प्रवचन होगा उस कार्यक्रम की गौतम प्रसादी एम.अजितराज, शिखर चन्द, एन. राकेश कोठारी आदि ने गौतम प्रसादी लाभ लिया तथा प्रभावना महावीर चन्द, जी. राकेश कोठारी के द्वारा प्रवचन में सभी को प्रभावना दि जायेगी।
प्रवक्ता सुनिल चपलोत
श्री एस. एस. जैन संघ, साहूकार पेठ, चैन्नाई