इन्सान के जीवन की सबसे बड़ी पॅुंजी होती है दुऑं की दौलत, पर्वाधिराज पर्यषण पर्व का जपतप आराधना से शुभारंभ हुआ ! महाराष्ट्र सौरभ, उपप्रवरतिनी पु. चंद्रकला़श्री जी म.सा.,शासन सुर्या पु स्नेहाश्रीजी म.सा. एवं मधुरकंठी पु. श्रुतप्रज्ञाश्री जी म.सा. आदि ठाणा 3 के पावन सानिध्य मे चातुर्मास गतिमान हो रहा है! आज पर्युषण पर्व के प्रथम पुष्प मे स्नेहाश्री जी ने अपने पुर्वाधिराज के स्वागत मे “ मेरे महावीर भगवान, मेरे मनमंदीर मे आओ” स्तवन पेश कर पर्वपर्युषण प्यारा जग को जगाने आया, भव्य संदेश मनोहर सबको सुनाने आया! रात्र पुरी हुई, अंधकार पुरा हो गया!
सम्यकत्व का सुर्योदय हुआ! मंगलमय प्रभात हुई! सभी पर्व का राजा पर्युषण पर्व आया है! इंसान के जीवन की सबसे बड़ी पुंजी दुऑंओ की दौलत होती है! प्रणाम से चरण वंदना पंचांग साष्टांग प्रणाम के परिणाम अच्छे होते है! प्रणाम से ग्रह दशा बदलती है! अपने दिन की शुरुवात माता पिता गुरु के आशिर्वाद से करो! प्रभु प्रार्थना नित्य रुपसे करनी चाहिए! परमात्मा की पुकार दिलसे करो! दानपुन छिपाकर करो छपाकर मत्त करे! फ़िलहाल 4 G का ज़माना चलरहा है जिसमे भी नेटवर्क फेल होता है! किंतु अध्यात्म का 4G कभी भी नेटवर्क ना फेल होनेवाला है!
प्रभु G, गुरुG, माता G , पिता G ! इनके प्रणाम करने से आज्ञा चक्र जाग्रुत रहेगा! संघाध्यक्ष सुभाषजी ललवाणी ने उपस्थित धर्मअनुरागीयों का स्वागत कर पर्युषण पर्व की शुभकामनाएं दी! दोपहर सत्र मे विश्वस्त मंडल के सुर्यकांतजी मुथीयान, विजयजी गांधी, नेनसुखजी मांडोत संघाध्यक्ष सुभाषजी ललवाणी ने नवकार आराधक पु तारक ऋषिजी म.सा. डॉ. सुयोग ऋषिजी म. सा के दर्शन एवं मंगल आशिर्वाद लिए!



