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दो तपस्वियों का तपोभिनंदन समारोह

दो तपस्वियों का तपोभिनंदन समारोह

महातपस्वी आचार्य श्री महाश्रमण जी के प्रबुद्ध सुशिष्य मुनिश्री डाॅ ज्ञानेन्द्र कुमार जी , मुनि श्री रमेश कुमार जी आदि ठाणा -4 के पावन सान्निध्य में तेरापंथी सभा के तत्वावधान में आज दो तपस्वियों का तपोभिनंदन समारोह आयोजित हुआ। श्रीमती शांतिदेवी सुराना-8 की तपस्या, नरेंद्र जी सुराणा -8 दिन की तपस्या का प्रत्याख्यान करने के लिए तेरापंथ धर्मस्थल गूवाहाटी में उपस्थित हुए।

   मुनिश्री डाॅ ज्ञानेन्द्र कुमार जी ने अपने दैनिक प्रवचन में धर्म सभा को संबोधित करते हुए कहा- तीन लोगों से सावधान रहना चाहिए। जो धर्म की निन्दा करने वालों से सावधान रहे। देशद्रोह करने वालों से सावधान रहे और गुरु की निन्दा करने वालों से सावधान रहना चाहिए। दोनों तपस्वियों को आशीर्वाद प्रदान करते हुए आपने कहा- तपस्या मुक्ति का मार्ग है। गूवाहाटी में तपस्या का रंग छायावाद हुआ है। आज दोनों ही तपस्वी सुराना परिवार से है।एक पङिहारा से दूसरा सुजानगढ से दोनों सुराना है। गुवाहाटी में सुराना परिवार बहुसंख्यक है। दोनों तपस्वी भविष्य में भी ऐसे ही तप आराधना करते रहेंगे।

  मुनिश्री रमेश कुमार जी ने सत्य को भगवान बताते हुए अपने प्रवचन में कहा – सत्य को जीवन व्यवहार में अपनाना चाहिए। आज जो सत्य पर भरोसा नहीं करते हैं मैं उनसे पूछना चाहूंगा क्या वे अपने अपने व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर लिखने के लिए तैयार है क्या? हमारे यहां झूठ का व्यापार किया जाता है। ऐसे कोई नहीं लिखेगा। कमजोरी स्वयं व्यक्ति की है दोष जमाने को देते हैं की आज झूठ का जमाना है। सभी को चाहिए सत्य के मार्ग पर चले। तपस्वियों को आशीर्वाद प्रदान करते हुए आपने कहा – तप मंगल है। तप से कर्मों की निर्जरा होती है। जो निष्काम भाव से तपस्या करते है वे मुक्ति महल की ओर बढते है।

  मुनि पद्म कुमार जी ने श्रावक समाज को श्रद्धाशील बने रहने की प्रेरणा दी।

 तेरापंथी सभा की ओर से राकेश जी जैन ने दोनों तपस्वियों का परिचय दिया। तेरापंथी सभा की ओर से प्रशस्तिपत्र और साहित्य भेंट कर तपस्वियों को सम्मानित किया गया। मुनि पद्म कुमार जी ने कार्यक्रम का कुशलतापूर्वक संचालन किया।

*संप्रसारक*

*श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा गूवाहाटी असम*

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