*🏳️🌈प्रवचन वैभव🏳️🌈*
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136)
ज्ञानपूर्वक
जो साधना या
संकल्प होता है वही
सिद्धि का कारण बनता हैं.!
137)
ज्ञानरहित क्रिया
प्राणशून्य देह समान हैं.!
138)
दोष नाश
अति सरल है
दोष को दोष मानो,
उनको पुष्ट मत करो,
उससे लगाव मत रखो,
उन्हें अपना स्वरूप मत समझो
139)
जो आत्मा से भिन्न है
उससे दिल मत लगाना.!
140)
आंसू तो
बहोत बहाए है
लेकिन आर्तध्यान के..
अब प्रायश्चित के बहाने है.!
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*प्रवचन प्रवाहक:*
*सूरि जयन्तसेन चरण रज*
मुनिश्रीवैभवरत्नविजयजी म.सा.
*🦚श्रुतार्थ वर्षावास 2024🦚*
श्रीमुनिसुव्रतस्वामी नवग्रह जैनसंघ
@ कोंडीतोप, चेन्नई महानगर