बैंगलोर श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ सीटी शाखा चिकपेट डबल रोड मकाना गार्डन के तत्वाधान में गुरु पूर्णिमा के पावन प्रसंग पर साध्वी डॉ अक्षयज्योति ने कहा गुरु हमें भवसागर पार पहुंचाता है। गुरु उस कलाकार का नाम है जो शिष्य के कोरे कागज रूपी जीवन में विशिष्ट रंगों को उकेरकर सुंदर सजीव चित्र बना देता है। माता पिता जन्म देते हैं गुरु जीवन देते हैं। जो बीच को बरगद बना दे, वह गुरु ही होता है ।
साध्वी डॉ चंदना ने कहा गुरु कुशल शिल्पकार होते हैं जो छैनी हथौड़ी से ऊपरी परत हटाकर पूजनीय मूर्ति बना देते हैं । सदगुरु और योग्य शिष्य का मिलना बहुत दुर्लभ है ।योग्य शिष्य गुरु की गरिमा को बढ़ा देता है। इस अवसर पर साध्वी अक्षदा ने सु मधुर स्वर में गुरु के प्रति समर्पित भाव से सुंदर गीतिका प्रस्तुत की। इस अवसर पर हलसूर से किशनलाल कोठारी, डोंटबालापुर से चंपालाल मकाना, उद्योगपति बाबूलाल राका, चिकबल्लापुर से उत्तमचंद कोठारी, हुक्मीचंद कटारिया, हनुमानगर से अशोक रांका ,जयनगर महेंद्र मेहता, रसीला मरलेचा सुनील मरलेचा आरआर नगर से विजय बाबेल आदि विभिन्न स्थानों से कई भक्तगण पधारे। इस अवसर पर शांतिलाल मकाना ने संचालन किया और युवक मंडल ने अच्छी व्यवस्था संभाली