भीलवाड़ा। क्रोध मनुष्य सबसें बड़ा दुश्मन है। अहिंसा भवन शास्त्री नगर में प्रखरवक्ता साध्वी प्रितीसुधा ने रविवार को विषेश धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि गुस्सा औंर क्रोध इंसान को चांडाल बना देता। क्रोध आत्मा का पतन करता और जिंदगी को नरक बना देता। मनुष्य की जिंदगी में सबसे मुश्किल काम है स्वयं को बदलना परन्तु इंसान दूसरों को सुधारने में लगा है पर इससे उसको कुछ नहीं मिलने वाला मनुष्य की जिंदगी तभी सुधर पाएगी।
जब वह अपने क्रोध पर नियंत्रण कर लेगा। और गुस्सा आने पर मौन रखने वाला प्राणी अपनी आत्मा को प्रवित्र और शुध्द बना सकता है । वह तभी संभव हो सकता है जब गुस्से और क्रोध का त्याग करेगा। साध्वी संयमसुधा ने कहा कि क्रोधी इंसान को क्रोध आने पर अपने और पराये सबको भूल जाता है।क्रोध वह आग है जिस से मनुष्य स्वंय को नुकसान पहुंचाता है। क्रोध पर अंकुश समभाव रखने वाला व्यक्ति ही लगा सकता है।
इसदौरान धर्मसभा मे अहिंसा भवन के अध्यक्ष लक्ष्मणसिंह बाबेल, अशोक पोखरना, सुशील चपलोत, रिखबचंद पीपाड़ा, अमरसिंह बाबेल, पारस मल कोठारी, शांतिलाल जैन, अभयसिंह आंचलिया, विनोद बोहरा, हेमन्त आंचलिया आदि पदाधिकारीयो ने सामूहिक रूप से दया करने वालें भाई- बहनों के तप की अनूमोदना करते हुए अभिनन्दन किया।
धर्मसभा में चैन्नई, बैगलोर, जौधपुर, पाली आदि क्षैत्रों के अतिथीयो की उपस्थिति रही ।
प्रवक्ता सुनिल चपलोत
अहिंसा भवन शास्त्री नगर भीलवाड़ा

