पुज्य जयतिलक जी म सा ने जैन भवन, रायपुरम में प्रवचन में बताया कि करुणा के सागर भगवान महावीर ने भव्य जीवों की असीम कृपा कर जिनवाणी प्ररुपित की!. संसारी जीव संसार भ्रमण करते हुए, जब उनको 69 कोटा कोटी आरोपम मोहनीय कर्म का क्षयोपशम कर देता है। तब उसे जिनवाणी सुनने को मिलती है! और अनंनतानुबंधी कषाय को क्षीण करे तब व्रत प्रत्याख्यान के प्रति श्रद्धा होो ती है। जब अनुकम्पा के भाव जागृत हो जाते है तब दूसरे जीवों को सुखी बनाने की भावना एवं क्षमता रखता है। किंतु जिवों को स्वयं दुःख मुक्त होना पड़ता है! उसे जिनमार्ग पर व्रति जीव अग्रसर करता है! जिनवाणी के श्रवण से ही जीव धर्म मार्ग पर आगे बढ़ सकता है! जिनवाणी श्रवण से मोहनीय कर्म बढ़ उपशम, क्षयोपम होता है ! मरिचि के भव में प्रभु ने व्रत प्रत्याखान अंगिकार किये। व्रत प्रत्याखान लाने में आनी नहीं करे। लेकर के शुद्ध आराधना करने का दृढ़ निश्चय करे। व्रत से पाप क्षीण होते है। तीनो काल में व्रत ही ऐसा है, जिसमें जीव हलका होता है! प्रसंग दूसरे व्रत का मोटा झूठ नहीं बोलना और छोटे झूठ में विवेक रखने का चल रहा है। दुरुपयोग नहीं करना!
बिना प्रयोजन झुठ नही बोलना। कर्म बंध होते हैं। गुस्से, हास्य ,लोभ से व्यक्ति झुठ बोलता है। एसे प्रसंग पर मौन हो जाए। झुठे लेख का प्रसंग चल रहा है। किसीको बर्बाद करने के लिए जाली पत्र, रुपये, आदि कोई खोटे काम नहीं करना। झूठे इल्जाम आदि से व्यक्ति मरण तुल्य कष्ट भोगना पड़ता है। आज कम्प्यूटर का युग है इसमें भी ठगाई आदि से बचो! अतिचार से दोष लगता है।किंतु अनाचार से व्रत भंग हो जाता है। हर्षद मेहता नामक व्यक्ती मे बडे बडे घोटाले किये अंत में पकड़ा गया ! ऐसे कर्म करना नही कराना नहीं, अनुमोदन नहीं करना। तीसरा अणुव्रत है अदतादान । बहुमूल्य वस्तु सोन की अंगुठी चैन आदि चुराना मोटी चोरी है। पेन, पेंसील, पूंजनी आदि उपयोग करके वापस रख दे तो वह छोटी चोरी है! ऐसी चोरी से कर्म बंधन होते है!
श्रविका यदि श्रावक जी के रुपये बिना पूछे निकाल लेते है तो वह भी चोरी है! यदि निकालना भी पड़े तो इतल्ला कर देना चाहिए। दुसरे की चीज को बिना पूछे हाथ नहीं लगाना। अणगार को तो एक तिनका भी लेना पडे तो आज्ञा लेनी चाहिए। गांठ खोल कर- एसी बडी चोरी से बचे। कर्मो के बंधन से बचे। अधिक आवश्यकता होने पर ही आगर का उपयोग करें । ऐसे में कर्मो का बंध नहीं होगा। और तिसरे आणगार में दोष नहीं लगेगा । भंग नहीं होगा। संचालन सचिव नरेन्द्र मरलेचा ने किया। यह जानकारी नमिता संचेती ने दी ।