साध्वीश्री अणिमाश्रीजी के सान्निध्य में, तेरापंथ सभा की आयोजना में उपासक कार्यशाला का आयोजन तेरापंथ सभा भवन, साहुकारपेट में किया गया।
साध्वीश्री ने उपासकों को पावन पाथेय प्रदान करते हुए कहा कि उपासक जहां अपनी ज्ञानाराधना को बढ़ाते हैं, वहीं दूसरों की कर्म निर्जरा में भी सहभागी बनते हैं। इस वर्ष पर्युषण उपासक यात्रा में जाने वालों के प्रति आध्यात्मिक मंगलकामना करते हुए कहा कि वे जिस क्षेत्र में भी जाएं, वहां अपनी संघीय रीति नीति के अनुरूप, वहां के श्रावक समाज में तेरापंथ की मर्यादा, अनुशासन, समर्पण की भावना को बलवती बनाने में योगभूत बने।
उपासक अपने ज्ञान के साथ चिन्तन पक्ष को भी निरन्तर सरल, विनम्र बनायें। अपने सादगीपूर्ण व्यवहार से सभी के दिल में सम्मान के भाव से अपनी पहचान बनायें। वर्तमान परिस्थिति के अनुरुप स्वयं अपने स्वास्थ्य का भी ध्यान रखें। आपने पर्युषण कालीन करणीय कार्यों की संक्षिप्त जानकारी दी।
उपासक श्रेणी प्रभारी श्री जयन्तीलाल सुराणा ने साध्वीश्री द्वारा प्रदत मंगल पाथेय के लिए कृतज्ञता के भाव निवेदित किये। तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम के अध्यक्ष श्री राकेश खाटेड़ ने जैन दर्शन, तेरापंथ आचार-विचार के साथ सामान्य जानकारी दी। सभी उपासकों ने अपने विचारों का आदान-प्रदान किया।
गुरु वन्दना, प्रतिक्रमण कर साध्वीश्री के मंगलपाठ श्रवण के साथ कार्यशाला परिसम्पन्न हुई। कार्यशाला में जयन्तीलाल सुराणा पदमचन्द आंचलिया, मांगीलाल पितलिया, स्वरूप चन्द दाँती, धनराज मालू, श्रीमती राजश्री डागा ने सहभागिता निभाई।
स्वरुप चन्द दाँती
प्रचार प्रसार प्रभारी
श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा, चेन्नई