Share This Post

Featured News / Featured Slider / ज्ञान वाणी

अहंकार अज्ञानता का लक्षण है

अहंकार अज्ञानता का लक्षण है

*🌧️विंशत्यधिकं शतम्*

*📚📚📚श्रुतप्रसादम्🌧️*

🌧️

4️⃣2️⃣

🪔

अहंकार

अज्ञानता का लक्षण है,

क्योंकि ज्ञानी तो जानता है

की पदार्थ परिवर्तनशील है

फिर पदार्थ प्राप्ति पर

क्या घमंड करना.?

🔴

स्वयं को ही

गुणसंपन्न मानना

अहंकारी का लक्षण है.!

🟥

जो वास्तविकता

जानने में, समझने में,

उसका स्वीकार करने में

असमर्थ हो उसे मूर्ख कहते है

अभिमानी भी ऐसे ही होते है.!

अभिमानी के

गुण प्रगट नही होते

क्योंकि खुद के

अतिरिक्त

अन्यों के गुणों पर

उसकी दृष्टि नही पड़ती,

कहीं पर गुण दिखते नही,

गुणानुराग के अभाव में

गुणप्राप्ति नही होती.!

अभिमानी

न दिखना तो आसान है,

लेकिन अभिमानी न बनना

दुष्कर अति दुष्कर साधना है.!

🪔

अभिमानी

अहंकार के नशे में

दूसरों को तुच्छ गिनता है,

जो सिद्धात्मा की आशातना है.!

*श्री सूत्रकृतांगजी आगम📚*

🌷

*तत्त्वचिंतन:*

*मार्गस्थ कृपानिधि*

*सूरि जयन्तसेन चरण रज*

मुनि श्रीवैभवरत्नविजयजी म.सा.

*🦚श्रुतार्थ वर्षावास 2024🦚*

श्रीमुनिसुव्रतस्वामी नवग्रह जैनसंघ

@ कोंडीतोप, चेन्नई महानगर

Share This Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may use these HTML tags and attributes: <a href="" title=""> <abbr title=""> <acronym title=""> <b> <blockquote cite=""> <cite> <code> <del datetime=""> <em> <i> <q cite=""> <s> <strike> <strong>

Skip to toolbar