26 अगस्त खवासपुरा मित्र हो तो भगवान श्री कृष्ण जैसा संत शिरोमणी प्रवर्तक सुकनमुनि महाराज प्रर्युषण महापर्व के तिसरे दिन ने प्रर्युषपर्व की आराधना करने वाले जैन और जैनेत्तर भाई बहनों को सम्बोधित करतें हुयें कहा कि हर मनुष्य कृष्ण और कर्ण जैसा मित्र चाहता है ! भगवान श्री कृष्ण ने सुदामो को तीन खंड का सम्राज्य और कर्ण ने दुर्योधन से मित्रता निभाते हुये महाभारत के युध्द मे अपने प्राणों का बलिदान दे दिया !
सच्चे मित्र की सबको तलाश है और आज पुरा विश्व मेंत्री चाहता है पर कहने मात्र से मेंत्री नही होने वाली ! जब तक मेंत्री की भावना नही होगी तब तक विश्व मे शांति की स्थापना नही होने वाली ! प्रर्युषण पर्व पर वेर भाव का त्याग कर रिश्तो नये सिरे से आगे बढ़ायेंगे तो सच्चे मित्र बन सकते है ! युवाप्रणेंता महेशमुनि, हरीश मुनि,हितेश मुनि,सचिन मुनि आदि सभी संतो ने कहा कि मित्र वही जो सुख दुखः मे साथ निभाये !
इसदौरान अनेक श्रावक श्राविकाओं ने एकासन उपवास आयंबिल आदि बड़ी तपस्या के गुरूभगवंतो से पच्छखाण लिये ! मंत्री एम अशोक कोठारी ने बताया कि धर्मसभा मे तपस्वी भाई बहनों के तप की अनुमोदना करते हुये श्री संघ के दिपचन्द कोठारी,अध्यक्ष प्रसन्नचन्द कोठारी,जे विजयराज कोठारी,एम अजितराज कोठारी,सागरमल कोठारी,एच अमरचन्द कोठारी, अमरचन्द सुराणा,बी महावीर चन्द कोठारी,जी राकेश कोठारी,एस सुरेश कोठारी,ए सुरेन्द्र कोठारी,शांतिलाल कोठारी,नथमल कोठारी, जी अशोक कोठारीआदि पदाधिकारियों ने सभी तपस्वीयो अभिनन्दन करतें हुये स्वागत किया!
मीडिया प्रवक्ता सुनिल चपलोत
श्री वर्धमान स्थाकवासी जैन श्रावक खवासपुरा