चेन्नई : श्री जैन रत्न श्राविका मण्डल तमिलनाडु द्वारा पच्चीस बोल पर आधारित ज्ञान कार्निवल का आयोजन व्याख्यात्री महासतीजी श्री सुमतिप्रभाजी म.सा के चातुर्मास स्थल मुनियप्पा रोड किलपाक पर स्थित सामायिक स्वाध्याय भवन में किया गया | श्री जैन रत्न हितैषी श्रावक संघ तमिलनाडु के निवर्तमान कार्याध्यक्ष आर नरेन्द्रजी कांकरिया ने बताया कि जैन धर्म के पच्चीस बोल पर आधारित पदर्शनी में पच्चीस स्टाल लगाए गए | इस पदर्शनी में स्वाध्याय भवन साहूकारपेट, चूले, वेपेरी, आवडी पुरस्वाक्कम किलपाक, के एल पी अपार्टमेंट ओसवाल गार्डन, चिन्तादरीपेट, पेरम्बूर, कोंडीतोप, अयनावरम, करियानचावडी नंगनल्लूर, वडपलनी, रायपेठा, न्यू आवडी रोड आदि क्षेत्रों से पच्चीस बोल पर आधारित पदर्शनी के स्टाल श्राविकाओं- बालिकाओं ने लगाए | उन्होंने सारे पच्चीस स्टाल का अवलोकन करते अति सुन्दर प्रस्तुति हेतु सभी को साधुवाद ज्ञापित किया | इस पदर...
आकुर्डी- निगडी- प्राधिकरण श्री संघ मे स्वर्णिम चातुर्मास गुरुमॉं उपर्रवरितिनी श्रमणी गौरव पु. चंद्रकला श्रीजी म.सा. प्रवचन विभु पु.स्नेहाश्रीजी म. सा. दिवाकर दिप्ती पु श्रुतप्रज्ञाश्री जी के सानिध्य मे समापन की ओर गतिमान है ! आज के अपने उद्बोधन में पु. स्नेहाश्री जी ने फर्माया आत्मकल्याण के लिए धर्म का सहारा जरुरी है ! आध्यात्म के और हमे आगे बढ़ना है! आज सौ मंगलाजी कांकरीया ने 10 उपवास के प्रत्याख्यान गुरुमॉं के मुखारविंद से ग्रहण किये! श्री संघ के और से उन्हें नवाजा गया! आज के धर्मसभा मे पाथर्डी का महिलामंडल सौ. इंदिरा जी गुगले के नेत्रुत्व में लिटल कन्या मंडल सह उपस्थित हुआ! लिटल कन्या मंडल ने स्तवन के माध्यम से अपने भाव रखे! श्री संघ के और से पाथर्डी महिला मंडल , कन्या मंडल, एवं धुलियॉं से पधारे श्री रजनीकांतजी जैन दांपत्य का स्वागत सन्मान श्री संघ के और से सुभाषजी ललवाणी ने किया! इस अ...
चातुर्मास के पावन अवसर पर श्री गुजराती जैन संघ, गांधीनगर, बैंगलोर में विराजमान भारत गौरव डॉ. श्री वरुण मुनि जी महाराज ने आज के प्रवचन में कहा कि — “प्रेम ही जीवन का सच्चा अर्थ है। जहाँ प्रेम है, वहीं धर्म है; जहाँ धर्म है, वहीं शांति है; और जहाँ शांति है, वहीं मुक्ति का साक्षात्कार संभव है।”मुनि श्री ने अपने प्रेरणादायी प्रवचन में कहा कि आज मनुष्य ने भौतिक उन्नति के अनेक शिखर प्राप्त कर लिए हैं, परंतु यदि उसके हृदय में प्रेम का प्रकाश नहीं है तो उसका जीवन अधूरा और नीरस है। प्रेम वह अमृत है जो जीवन को मधुरता, शांति और पवित्रता प्रदान करता है। द्वेष, ईर्ष्या और अहंकार से भरा जीवन दुःख का कारण बनता है, जबकि प्रेम से युक्त जीवन ही सच्चे धर्म का परिचायक होता है। मुनि श्री ने आगे कहा कि धर्म का मूल तत्व प्रेम है। जब तक मन में करुणा, मैत्री और अहिंसा के भाव नहीं जागते, तब तक साधना पूर्ण नहीं होती...
श्री गुजराती जैन संघ गांधीनगर बंगलौर में चातुर्मास के लिए विराजमान दक्षिण सूर्य डॉ. श्री वरुण मुनि जी महाराज ने प्रवचन करते हुए कहा कि धर्म स्थानक का भाव है कि मन में ही धर्म का निवास हो। धन, विद्या, संपत्ति, रूप, पदवी — इन सबसे बढ़कर है – धर्म । उन्होंने कहा कि क्षमा और सत्य से ऊपर कोई धर्म नहीं। धर्मप्रेमी बहनों-भाइयों को जागरूक करते हुए उन्होंने कहा कि भवन को मात्र भोजनशाला नहीं बनाना चाहिए। धर्म स्थान का अर्थ है जहाँ साधना का कार्यक्रम बने। आगे उन्होंने कहा कि सत्संग, साधना करने से मन की शुद्धि होती है। मुनि जी ने कहा कि धर्म केवल धर्म स्थान में ही नहीं, बल्कि सभी स्थानों पर होता है। सत्संग में समय बिताने से जीवन का कल्याण होता है, लेकिन यदि जीवन विषय-विकारों में बीतता है, पैसा मौज-मस्ती में खर्च होता है और समय कुसंगति में गुजरता है, तो जीवन व्यर्थ है। इसलिए जवानी, धन और समय का स...
युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमणजी के प्रबुद्ध सुशिष्य मुनि श्री डॉ. ज्ञानेन्द्र कुमारजी, मुनि श्री रमेश कुमारजी, मुनि श्री पद्म कुमारजी एवं मुनि श्री रत्न कुमारजी के पावन सान्निध्य और श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा एवं अणुव्रत समिति, गुवाहाटी के तत्वावधान में सभी संघीय संस्थाओं के सहयोग से वृहस्पतिवार को प्रात: 9 बजे से स्थानीय तेरापंथ धर्मस्थल में गणाधिपति गुरुदेव श्री तुलसी का 112वां जन्मोत्सव अणुव्रत दिवस के रूप में मनाया गया। इस कार्यक्रम में काफी संख्या में श्रावक-श्राविकाओं एवं समाजबंधुओं ने भाग लिया। इस अवसर पर उपस्थित श्रावक-श्राविकाओं को संबोधित करते हुए मुनि श्री डॉ. ज्ञानेन्द्र कुमारजी ने फरमाया कि आज हम गुरुदेव तुलसी का 112वां जन्मोत्सव मना रहे हैं। गुरुदेव तुलसी का संपूर्ण जीवन मानवता की सेवा को समर्पित था। उन्होंने समाज एवं राष्ट्र के विकास के लिए अनेक कार्य किए, जिससे वे रा...
उपप्रवर्तिनी श्रमणी गौरव पु. चंद्रकलाश्रीजी म.सा. आदि ठाणा 3 का 1026 का चातुर्मास आदिनाथ जैन श्रावक संघ को प्रदान! आजके भाईबीज के शुभ अवसरपर आदिनाथ श्री संघके अध्यक्ष अनिलजी नहार, 2026 के भावी अध्यक्ष श्री भारतजी चंगेडीया, विश्वस्त संजयजी साखला एवं विश्वस्त सुभाषजी मुथा आगामी चातुर्मास बिनंती हेतु आकुर्डी स्थानक भवन पधारे! आकुर्डी चातुर्मासार्थ विराजीत उपप्रवर्तिनी पु. चंद्रकलाश्रीजी म. सा.,प्रवचन विभु पु. स्नेहाश्रीजी म.सा. दिवाकर दिप्ती पु. श्रुतप्रज्ञाश्रीजी के चरणो मे 2026 के चातुर्मास की बिनती श्री अनिलजी नहार ने अपने मनोगत मे रखी ! विचारविमर्श पश्चात उपप्रवर्तिनी जी ने अपनी द्रव्य, काल, भाव, क्षेत्र को ख्याल में रख अपनी स्विक्रुती प्रदान कर पदाधिकारियों को नवकार साधक पु. तारकऋषिजी म. सा. एवं उपाध्याय श्री पु. प्रविण ऋषिजी म.सा. के मुखारविंद से घोषणा करने का निर्देश दिया! श्री संघ के ...
विहार सेवा स्वंस्थापक प्रवचन शिखर पू. आचार्य श्री विजय महाबोधिसुरीजी महाराज आज भाईदुज के सुअवसर पर उपप्रवर्तिनी गुरुमॉं पु. चंद्रकलाश्रीजी म. सा. शासन सुर्या पु. स्नेहाश्री जी म.सा., मधुर कंठी पु. श्रुतप्रज्ञा श्री जी एवं आकुर्डी निगडी प्राधिकरण श्री संघ परिवार को शुभकामनाएँ एवं मंगलमय आशिर्वाद देने हेतु आकुर्डी स्थानक भवन पधारे! चतुर्विध संघ का आध्यत्मिक मिलन इस पावन अवसर पर हुआ! आचार्य श्री जीने अपने उद्बोधन में जैन एकता मजबुत हो यह संदेश देकर संप्रदाय वाद में हमें जाना नही ! भगवान महावीर स्वामीजी के निर्वाण कल्याणक पर शुभकामना देकर भ. महावीर के सिध्दांतो का अंगीकार करने का एहलान किया! आचार्य ध्यानयोगी पु डॉ. शिवमुनीजी म. सा के साथ हुये वार्तालाप एवं उनके गुणविशेषो का वर्णन कर उनके महानतापर प्रकाश डाला ! उसी प्रकार युवाचार्य श्री महेंन्द् ऋषिजी के साथ अनेक प्रसंगोपर हुये मिलाप का जिक्र क...
श्री गुजराती जैन संघ, गांधीनगर में चातुर्मास हेतु विराजमान भारत गौरव डॉ. वरुण मुनि जी महाराज ने भाई दूज के पावन अवसर पर आयोजित विशेष धर्मसभा में अपने ओजस्वी प्रवचन में कहा कि —“भाई दूज केवल भाई-बहन के स्नेह का पर्व नहीं, बल्कि यह अहिंसा, समता और सार्वभौमिक कल्याण की भावना का प्रतीक है।”मुनि श्री ने विस्तार से समझाया कि जिस प्रकार बहन अपने भाई के दीर्घायु, सुख-समृद्धि और मंगल की कामना करती है, उसी प्रकार हमें भी अपने जीवन में हर जीव के कल्याण की भावना रखनी चाहिए। जब हम समता और करुणा के मार्ग पर चलते हैं, तभी सच्चे अर्थों में ‘भाई दूज’ का संदेश सार्थक होता है। उन्होंने कहा —“संवेदनशीलता ही सच्चे रिश्तों की आत्मा है। यदि जीवन में करुणा, त्याग और संयम का संगम हो जाए, तो प्रत्येक दिन भाई दूज के समान मंगलमय बन सकता है।”मुनि श्री ने युवाओं से विशेष रूप से आह्वान किया कि वे इस पर्व को केवल औपचारिक...
मुनिश्री डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार जी, मुनिश्री रमेश कुमार जी, मुनिश्री पद्म कुमार जी, मुनिश्री रत्न कुमार जी के पावन सान्निध्य में नव वर्ष महा मंगल पाठ का विशेष कार्यक्रम तेरापंथ धर्म स्थल में भव्यता के साथ संपन्न। सर्व प्रथम भक्तामर स्तोत्र एवं महावीर अष्टकम् का पाठ श्रद्धा एवं भक्ति के साथ सभी ने एक स्वर से किया।विविध मंत्रों के पाठ से उपासना कक्ष गुंजायमान हो उठा। उपस्थित सम्पूर्ण श्रावक समाज तन्मय होकर मंगल पाठ श्रवण कर रहा था। मुनिश्री डॉ ज्ञानेंद्र कुमार जी, मुनिश्री रमेश कुमार जी का मंगल उद्बोधन हुआ *तेरापंथ युवक परिषद गुवाहाटी का सम्मान* *अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद् का इस वर्ष का अधिवेशन युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमण जी के परम पावन सान्निध्य में अहमदाबाद में आयोजित हुआ। इस अवसर पर तेरापंथ युवक परिषद गुवाहाटी के द्वारा आयोजित कार्यों का विशेष रुप से मूल्यांकन किया गया।* *आज मुनि श्...
सौभाग्य जगाने वाले हैं – श्री गौतम स्वामी जी श्री गुजराती जैन संघ, गांधीनगर में चातुर्मास के अवसर पर विराजित भारत गौरव डॉ. श्री वरुण मुनि जी महाराज के सान्निध्य में आज गौतम प्रतिपदा एवं गोवर्धन पूजा के पावन अवसर पर एक भव्य धर्मसभा का आयोजन किया गया। इसके उपरांत भारत गौरव डॉ. श्री वरुण मुनि जी महाराज ने अपने ओजस्वी प्रवचन में कहा कि —“गोवर्धन पूजा हमें यह संदेश देती है कि सच्चा धर्म प्रकृति, जीव-जंतु और मानव के बीच संतुलन बनाए रखना है। जब भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को उठाया, तब उन्होंने यह प्रेरणा दी कि ईश्वर-भक्ति केवल पूजा-अर्चना तक सीमित नहीं, बल्कि अपने कर्तव्यों और पर्यावरण की रक्षा में भी निहित है। आज के युग में भी हमें अपने कर्मों के द्वारा गोवर्धन पूजा का सार समझना होगा — ‘सहयोग, संरक्षण और संतुलन’।” मुनि श्री ने आगे कहा कि त्योहार केवल उत्सव नहीं, बल्कि आत्मिक उत...
चिंचवड – गौतमलब्धी फ़ाऊंडेशन चिंचवड श्टेशन द्वारा आयोजित उप प्रवर्तिनी, महाराष्ट्र सौरभ प.पू. श्री. चंद्रकलाश्रीजी म.सा. की सुशिष्याएं ,शासन सूर्या, क्रांतिकारी वाणी के जादूगार प.पू. स्नेहाश्रीजी म.सा. मधुर गायिका प.पू. श्रुतप्रज्ञाश्रीजी म.सा. के सानिध्य में गौतम निधी कलश संकलन आज गौतम प्रतिपदा के शुभ अवसर पर हुआ। इस अवसर पर अपने उद्बोधन मे साध्वीजी वाणी के जादुगर पु. स्नेहाश्री जी म. सा. ने उपाध्याय प्रवर अर्हम विज्जा प्रणेता द्वारा मानवता के कल्याण के लिए शुरु की गयी “ गौतम निधी” गौतमलबधी “ योजना की सराहना की और चिंचवड श्टेशन के शाखा को शुभकामनाएँ देकर इस उपक्रम के लिए धन्यवाद दिये! एवं चिंचवड स्टेशन श्री संघ प्रति अपनी क्रुतज्ञता व्यक्त की! श्री संघ द्वारा महासाध्वीयों का स्वागत अध्यक्ष अशोकजी लुंकड एवं महामंत्री सतिश जी मेहेर ने किया! इस अवसर पर अमोलक जी दुगड,चांदमलजी लुंकड, अशो...
चेन्नई : सम्यगज्ञान प्रचारक मंडल जयपुर द्वारा द्विदिवसीय सम्यक साहित्य संगम रथ मुनियप्पा रोड, किलपाक, चेन्नई में 19 व 20 अक्टूबर को रखा गया | जिसमें आगम साहित्य बाल साहित्य,प्रवचन कथा, कहानी,प्रेरक प्रसंग,इतिहास एवं जीवनोपयोगी साहित्य अर्द्ध मूल्य में उपलब्ध कराये गए | श्री जैन रत्न हितैषी श्रावक संघ तमिलनाडु के निवर्तमान कार्याध्यक्ष आर नरेन्द्रजी कांकरिया ने बताया कि साहित्य संगम रथ देश के विभिन्न शहरों,उपनगरों,गाँवों में भ्रमण करते हुए स्टाल रुप में लगाया जा रहा है जिसका उद्देश्य साहित्य का प्रचार -प्रसार करना है एवं जन जन को धार्मिक साहित्य उपकरण उपलब्ध कराना है | सम्यक साहित्य संगम रथ जोधपुर, जयपुर,सोजत रोड भीलवाड़ा सवाईमाधोपुर, आलनपुर ब्यावर,नंदूरबार मुम्बई,बीजापुर,बेंगलुरु आदि देश के अनेक शहरों,गावों कस्बों में होते हुए चेन्नई पहुंचा व चेन्नई में 19 व 20 अक्टूबर 2025 को साहित्य संगम ...